Uttarakhand Forest Fire : उत्तराखंड के जंगलों में लग रही आग से जनहानि के साथ-साथ वन संपदा का भी नुकसान हो रहा है। इसी का जायजा लेने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव गुरुवार को टिहरी पहुंचे। मंत्री ने टिहरी वन क्षेत्र का निरीक्षण कर वहां के ग्रामीणों और फायर वाचकों से बात कर इस संबंधमें जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जंगलों की आग को काबू जनसहभागिता से ही किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अधिकारियों को चौड़ी पत्ती और स्थानीय प्रजाति के पौधे ज्यादा से ज्यादा लगाने के निर्देश दिए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल औऱ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। आग से जंगलों में हुए नुकसान की जानकारी लेने के बाद बेमुंडा, हिंडोलाखाल और बादशाहीथौल की नर्सरी देखी।
उत्तराखंड के जंगलों में बीते दिनों में कई वनाग्नि की घटनाएं प्रकाश में आई हैँ, जिससे वन संपदा को भी खासा नुकसान देखने को मिला है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वन अग्नि एवं आपदा प्रबंधन अधिकारी निशांत वर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष अब तक़ 1265 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई हैँ। वहीँ, 1747 हेक्टयर का जंगल प्रभावित हुआ है। इसमें वन संपदा को तो खासा नुकसान हुआ ही है। साथ ही कई जंगली जानवरों की भी इन घटनाओं में झुलसने की खबर है।
निशांत वर्मा ने बताया कि अल्मोड़ा के बिनसर अभ्यारण जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए विभाग की ओर से हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैँ। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों के ऊपर पूरी निगरानी बनाए हुए हैं। विभाग की कोशिश है कि अगले सीज़न से पहले ही वन विभाग अपने समस्त कर्मचारियों की सुरक्षा के दृष्टिगत हर मुमकिन कदम उठाकर पहले ही तैयार रहे।