Uttarakhand Forest Fire : पहाड़ों की रानी मसूरी में छावनी परिषद के लाल टिब्बा क्षेत्र की आबादी वाले इलाके के पास जंगल में भीषण आग लग गई। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही डीएफओ मसूरी अमित कंवर के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीमें मौके पर पहुंचीं। टीमों ने जंगल में आग पर काबू पाने की कोशिश की। डीएफओ मसूरी ने वन विभाग के कर्मचारियों के साथ आग को बुझाने का प्रयास किया।
डीएफओ मसूरी अमित कंवर ने बताया कि मसूरी छावनी परिषद का क्षेत्र उनके जूरिडिक्शन में नहीं आता है, लेकिन उसके बाद भी आग लगने की सूचना पर वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वन में लगी आग पर काबू पाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि करीब 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जंगल में लगी आग पर काबू पाया गया। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया छावनी परिषद के निचले इलाकों में गांव हैं और संभवत किसी व्यक्ति द्वारा गांव के जंगल में आग लगाई गई है। तेज हवा के साथ आग जंगल में फैलती गई और देखते-देखते जंगल का एक बड़ा भाग आग की चपेट में आ गया।
डीएफओ मसूरी ने कहा कि आग लगने से वनसम्पदा को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जंगल में आग लगने से चिड़िया और जंगली जानवर काफी प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा की छावनी परिषद में कीमती देवदार के पेड़ हैं। उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया है कि सोमवार को कुछ आसामाजिक तत्वों ने कई देवदार के पेड़ों को काट दिया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा छावनी परिषद के सीईओ से बात कर छावनी क्षेत्र के जंगलों की सुरक्षा करने के लिए कहा जाएगा। वहीं, जिस तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा है, उस पर भी छावनी परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले को उच्च अधिकारियों के भी संज्ञान में लाया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोई भी जंगल में आग न लगाए। पकड़े जाने पर उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर वन विभाग के रेंजर एसपी गैरोला, डिप्टी रेंजर जगजीवन राम के साथ कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।