सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वन प्रशिक्षण अकादमी सभागार में जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने आग को काबू करने के लिए अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि जब तक वनों में लगी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो जाती है, तब तक वन अधिकारियों के अवकाश पर जाने पर रोक लगाई जाय। केवल गंभीर बीमारी के मामलों में ही छूट दी जाय।
#WATCH | Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami takes stock of the massive fire in Nainital and its surrounding forest areas, by conducting an aerial survey. pic.twitter.com/ovpx8CrnDm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 27, 2024
सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि वन अधिकारी हर समय आग प्रभावित क्षेत्रों में रहकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करें। इस कार्य में लगे अधिकारियों को अनावश्यक रूप से बैठक में प्रतिभाग के लिए देहरादून न बुलाए जाने के भी निर्देश सीएम ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि जंगलों की आग की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट रहें। जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।
#WATCH | Haldwani: Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami holds a high-level review meeting regarding the prevention of forest fire in the forests of the state during summer.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 27, 2024
During the meeting, the Chief Minister also reviewed the drinking water arrangements. pic.twitter.com/MCvUnCNm9U
सीएम धामी ने कहा कि इसमें सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो भी लोग वनों में आग लगाए जाने के दोषी पाए जाएंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लीसा डिपो के आस-पास आग के नियंत्रण पर ध्यान देने को कहा। साथ ही फायर ब्रिगेड को भी एक्टिव करने को कहा, ताकि लीसा डिपो या अन्य संस्थानों को कोई नुकसान न हो। इससे पूर्व सीएम धामी ने आग से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होनें कहा कि सभी के प्रयासों से आग की घटनाएं नियंत्रित हो रही हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बढ़ते तापमान के दृष्टिगत पेयजल की कमी को दूर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।