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कपड़े-जूते के लिए स्पेशल डिजाइनर, महंगे चश्मों का शौक; ‘भोले बाबा’ की ऐसी है जिंदगी

हाथरस में जिन Narayan Sakar Hari उर्फ Bhole Baba के सत्संग में भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, वे आलीशान जिंदगी जीते हैं। उनसे जुड़ी कई बातें सामने आई हैं।
Narayan Sakar Hari Bhole Baba के अनसुने किस्से

Hathras Stampede Incident, Narayan Sakar Hari Bhole Baba : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के चरणों की धूल इकट्ठा करने के लिए लोग इस कदर पागल हो गए कि भगदड़ मच गई, जिसके कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस बीच, भोले बाबा से जुड़े कई रहस्य सामने आए हैं। बाबा ऐश ओ आराम की जिंदगी जीते हैं। इतना ही नहीं, बाबा ने अपने कपड़ों के लिए पर्सनल डिज़ाइनर रख रखा था।

भगवा कपड़े नहीं पहनते Bhole Baba

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा बाकी धर्मगुरुओं की तरह भगवा कपड़े नहीं पहनते। उन्होंने अपने कपड़े और जूते के लिए विशेष रूप से डिज़ाइनर रखा हुआ था। नारायण साकार हरि अक्सर सफेद सूट और सफेद जूतों में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पजामा और सफेद टोपी लगाकर सत्संग करते हैं। ऊपर से नीचे तक सफेद रंग के चमचमाते कपड़े पहनने वाले बाबा को महंगे-महंगे चश्मों का भी शौक है। बाबा एकदम टिप-टॉप अंदाज में रहते हैं और ऐश ओ आराम की जिंदगी जीते हैं।

Bhole Baba के पास खुद के सेवादारों की है आर्मी

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के पास खुद के सेवादारों की आर्मी भी है। तमाम गांव के लोग घर के बाहर चारपाई पर ही अस्थायी रूप से खाने पीने के सामान की दुकान लगा लेते हैं, लेकिन मंगलवार को पानी और खाद्य पदार्थ की दुकानें गांव के लोग सजाते हैं, जिससे बाबा के आश्रम में आने वाले अनुयायियों के द्वारा की जाने वाली खरीद से ग्रामीणों की आमदनी हो जाती है।

सेवादारों की आर्मी करती है सत्संग की सुरक्षा व्यवस्था

भोले बाबा के सत्संग का आयोजन जब भी होता है तो उनके सेवादारों की आर्मी सत्संग की सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन, पार्किंग, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करती है। सेवादारों की आर्मी में महिलाएं भी शामिल होती हैं, जहां भी कथा का आयोजन होता है, वहां मैदान की सफाई का कार्य महिला सेवादारों के द्वारा किया जाता है। वहीं, पुरुष हाथ में बेंत लेकर और सीटी बजाते हुए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं। हैरानी की बात यह है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा ने
खुद से अकाउंट नहीं बनाया।

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नमस्ते की जगह क्या बोलते हैं ‘भोले बाबा’ के भक्त?

‘भोले बाबा’ के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। उनके जाने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं। बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस में हैं। वे सत्संग के समय पर छुट्टी लेकर आते हैं और बाबा की फ्लीट को वे एस्कॉर्ट करते हैं। बता दें कि ‘भोले बाबा’ के समर्थक नमस्ते की जगह ‘परमपिता परमेश्वर की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो जय जयकार हो’ कहते हैं।

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