Madhopur Incident: गौकशी के आरोप में लिप्त वसीम की मौत के बाद माधोपुर गांव में तनाव हो गया था। तनाव के चलते जमकर हंगामा हुआ था। वहीं, कांग्रेस विधायकों और आजाद समाज पार्टी के पदाधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग कर अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर धरना दिया था। सोमवार को भाजपा के नेताओं के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि वसीम की पुलिस ने हत्या नहीं की, बल्कि वह गोमांस तस्कर था। पुलिस से बचने के चक्कर में तालाब में कूद गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि गौसेवा आयोग ने गौ संरक्षण स्क्वायड का गठन किया है। इसमें पुलिस के कर्मचारी शामिल हैं। उक्त टीम गौकशी की सूचना पर माधोपुर गांव गई थी, जिसे एक व्यक्ति गौमांस ले जाता हुआ दिखा। पुलिस टीम ने उसे चेकिंग के लिए रोका तो उसकी बाइक से मांस का कट्टा गिर गया। पकड़े जाने के डर से वह तालाब में कूद गया और उसकी मौत हो गई।
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स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि इस मौत में पुलिस का कोई हाथ नहीं है। कहा कि जिस परिवार का वह युवक था, उस परिवार पर गौकशी के पहले से ही सात मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि गौकशी करने वालों को शीशे की गोलियों से बींद देना चाहिए। वहीं, उन्होंने कांग्रेस विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि गौ हत्यारों का संरक्षण करने के लिए जो जनप्रतिनिधि धरना दे रहे हैं, उसकी कड़ी निंदा करते हैं। कहा कि जिन लोगों ने कानून तोड़ने की कोशिश की, सभी पर मुकदमा लिखा जाना चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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