Shyama Prasad Mukherjee Birth Anniversary : भाजपा मसूरी मंडल ने शनिवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 124वीं जयंती पर मसूरी तिलक लाइब्रेरी के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और याद किया।
भाजपा मसूरी मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहन पेटवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल और महामंत्री कुषाल राणा ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता व अखंडता के लिए कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का लगाया पौधा आज विश्व की सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में स्थापित हो गया है। उन्होंने हमेशा देश की एकता व अखंडता के लिए कार्य किया और देश की आजादी के बाद कश्मीर समस्या को लेकर मुखर होकर आंदोलन किया।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी सबसे कम उम्र में अपनी कुशाग्र बुद्धि के बल पर कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। वहीं, देश की आजादी के बाद पहली संसद में सदस्य चुने गए और केंद्रीय मंत्री बने, लेकिन अपने सिद्धांतों से नहीं डिगे। उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जनसंघ का गठन किया और पहले अध्यक्ष बने। उन्होंने आह्वान किया कि डॉ. मुखर्जी के बताए मार्ग पर चलें। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन मोहन शर्मा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वह धारा 370 के खिलाफ थे और उन्होंने एक देश एक निशान व एक संविधान के तहत कश्मीर में आंदोलन किया और वहीं पर उनकी मृत्यु हुई।
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उन्होंने बताया कि डॉ. मुखर्जी संविधान सभा के सदस्य भी रहे और भारत के संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाई। ऐसे महान युग पुरुष के जन्मदिन पर उनके संकल्पों को साकार करने के लिए सभी को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन भाजपा मसूरी मंडल के महामंत्री कुशाल राणा ने किया।
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