Roorkee Namaz controversy : रुड़की में नवाज को लेकर विवाद हो गया। मुजाविर ने मजार पर स्थानीय लोगों के नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई। इसकी सूचना मिलते ही मोहल्ले के लोग वहां पहुंच गए। लोगों ने विरोध जताया तो मामले ने तूल पकड़ लिया। इस विवाद की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया। साथ ही दोनों पक्षों के लोगों को अपनी बात रखने को कहा।
बता दें, रुड़की के गुलाब नगर में नमाज़ पढ़ने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। गुलाबनगर में लगभग 200 साल पुरानी एक मज़ार है। मजार के मुजाविर शुलेमान ने स्थानीय लोगों के नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई। इसकी जानकारी जब मोहल्ले के लोगों को हुई तो वे एकत्र होकर मजार पर पहुंच गए। लोगों ने मुजाविर का विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। इस दौरान इस मामले की जानकारी किसी ने गंगनहर पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराकर मामला शांत कराया। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों से कहा कि वे शांति से अपना-अपना पक्ष रखें। इसके बाद इसका हल निकाला जाएगा।
इस मामले में मुजाविर शुलेमान का कहना है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर करीब 8 साल पहले नवाज के लिए इस मस्जिद को बनाया था। इकसे बाद से यहां नमाज पढ़ते आ रहे हैं। शुलेमान ने बताया कि 19 अप्रैल को चुनाव वाले दिन कुछ लोग यहां आए और यहां काबिज हो गए। बताया कि वे जब अपने अपने इमाम लोगों के साथ आए तो इन लोगों प्रताड़ित किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष शमीर के साथ धक्का-मुक्की की और यहां से भगा दिया। मुजाविर का कहना है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि वे और उनके इमाम बाहरी है। वहीं, मुजाविर का कहना है वह मस्जिद के ट्रस्टी है।
इमाम शौकत ने कहा कि उनको बस्ती वाले नमाज पढ़ाने के लिए मस्जिद लाए थे। क्योंकि, यहां के इमाम दो-तीन दिन के लिए कहीं चले गए थे। उन्होंने कहा कि इसका मुजाविर शुलेमान ने विरोध किया औऱ कहा कि ये तो काफिर हैं, इसलिए इनके पीछे नमाज नहीं पढ़ते हैं। इसके बाद से विवाद शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि माहौल खराब किया जा रहा है। कहा कि जो लोग नमाज पढ़ने आए थे, सभी बस्ती के हैं। शौकत ने कहा कि मुजाविर जिन लोगों को लेकर आया, वह सब बाहर के हैं। ये करीब 30-40 लोग हैं। ये लोग केवल माहौल खराब करने के लिए आए हैं।