Rajiv Gandhi Death Anniversary : मसूरी में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनको याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस भवन में मंगलवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। वहीं, कार्यकर्ताओं ने मरीजों को फल वितरित किए।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत में सूचना क्रांति के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। इसकी बदौलत आज भारत देश विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा है। पूर्व छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद्र ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में राजीव गांधी के योगदान को बुलाया नहीं जा सकता है। आज हम सभी को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
जानिए कैसे हुई राजनीति की शुरुआत
बताते हैं कि राजीव गांधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। इसके बाद वे घरेलू राष्ट्रीय जहाज कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए। 1880 में राजीव गांधी के छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद अपनी मां इंदिरा गांधी को सहयोग देने के लिए राजीव गांधी सन् 1981 में राजनीति में आ गए।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बने प्रधानमंत्री
राजीव गांधी पहली बार अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीते थे। 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंग रक्षकों ने पीएम हाउस में ही हत्या कर दी थी। इसके बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया। राजीव गांधी 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी पहले शख्स थे। राजीव गांधी ने आम चुनावों में इंदिरा गांधी की मौत के कारण देश भर में उनको सहानुभूति मिली। इसका प्रभाव यह हुआ कि कांग्रेस को 514 सीटों में से 404 सीटें मिली थीं।