Railway Union Recognition Case: ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा शुक्रवार को उत्तराखंड के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंचे। रेलवे यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय 13 साल बाद रेलवे यूनियन को फिर से मान्यता और उसका वेरिफिकेशन करने जा रहा है, जो एक अच्छी पहल है।
उन्होंने कहा कि रेलवे कर्मचारियों के हक की लड़ाई यूनियन पिछले 100 सालों से लड़ता आ रहा है। ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन सबसे पुरानी यूनियन है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अभी पुरानी पेंशन बहाली के अलावा नई पेंशन योजना के लिए नौकरी की अवधि 25 साल से घटाकर 20 साल की जाए। इसके अलावा रेलवे में ऐसे बहुत से कर्मचारी हैं, जिनकी पदोन्नति नहीं हो पाई है।
शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं, जो शिक्षित हैं, लेकिन उनकी शैक्षिक स्तर पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है, इसको लेकर यूनियन लड़ाई लड़ रहा है। रेलवे कर्मचारियों के आवास और बोनस वृद्धि को लेकर रेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं। पिछले 8 सालों में रेलवे कर्मचारियों के बोनस में वृद्धि नहीं हुई है।
एआईआरएफ के महामंत्री ने कहा कि रेलवे को बेचने व निजीकरण करने की जो योजना बनाई जा रही है, उसे कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। किसी भी कीमत पर रेल बिकने और निजीकरण नहीं होने देंगे। रेलवे धरोहर है और इस धरोहर के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो रेल चक्का जाम किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि जब तक ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन जीवित रहेगा रेलवे का निजीकरण नहीं होने देगा। इस दौरान यूनियन के लोगों ने संगठन को और मजबूत करने और अपनी मांगों को मनवाने के लिए यूनियन को और मजबूत करने के लिए हवन किया।
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