Rafting in Uttarakhand : चमोली में उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनाओं को देखते हुए विभागीय तकनीकी समिति के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया। इसका उद्देश्य उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों और बाइब्रेंट विलेज के अन्तर्गत चिह्नित गांवों में नए-नए गंतव्यों व नदियों में नए राफ्टिंग स्टेच खोलना है। इस सर्वेक्षण में धौलीगंगा में सैराईथोटा से लाता तक के लगभग 5 किमी क्षेत्र को व्यावसायिक राफ्टिंग गतिविधियों के लिए उपयुक्त पाया गया है। विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अन्य स्थलों मलारी, गिर्थि आदि क्षेत्रों में भी शीघ्र ही तकनीकी सर्वेक्षण कराया जाना प्रस्तावित है।
राफ्टिंग गतिविधियों के संचालन के लिए राफ्टिंग क्षेत्र में पारंगत निजी संस्थाओं को परमिट उपलब्ध करवाकर व्यावसायिक राफ्टिंग संचालित कराने का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में राफ्टिंग गतिविधियों के प्रारम्भ होने से जहां एक ओर स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के सुदरवर्ती क्षेत्रों में भी पर्यटकों को इस प्रकार के नए-नए स्थलों पर रोमांचित और साहसिक गतिविधियों की सुविधा सुलभ होगी।
बता दें, राफ्टिंग भी कैंपिंग और ट्रेकिंग की तरह ही एक रोमांचकारी गतिविधि है। राफ्टिंग से आपको आनंद मिलता है। साथ ही आपके अंदर साहस पैदा होता है। इसका सबसे ज्यादा फायदा एक साथ काम करने के दौरान आपस में सहयोग की भावना बढ़ती है। जब बड़ी-बड़ी लहरे तेजी के साथ आपकी ओर आती हैं तो शख्स कुछ समय के लिए सब भूल जाता है।