रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता की। उन्होंने नगर निगम की 20 करोड़ की संपत्ति वापस दिलवाने का दावा किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और संपत्ति को कमर्शियल में इस्तेमाल कर अवैध लाभ कमाने वालों से रिकवरी की मांग भी करेंगे।
रूड़की के सिविल लाइंस स्थित एक निजी होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने आरोप लगाया कि 1952 में बेशकीमती संपत्ति लीज पर भाजपा नेता सुबोध कुमार गुप्ता को रहने के लिए दी थी। उसके पांच साल बाद 1957 में यह संपत्ति सुबोध गुप्ता ने पंजाब नेशनल बैंक को किराए पर दे दी, जिससे उन्होंने मोटा किराया वसूल किया। इतना ही नहीं सुबोध गुप्ता ने नगर निगम को भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।
रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर गौरव गोयल ने कहा कि इस संपत्ति की लीज 1982 में समाप्त हो चुकी है, लेकिन निगम के अधिकारी और पूर्व चेयरमैन खुद लाभ लेने के लिए उसकी लीज बढ़ाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों की इस संपत्ति को उनका कार्यकाल शुरू होने से पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त ने एक लाख 20 हजार रुपये की किराए की रसीद काटकर संपत्ति की लीज बढ़ाने का प्रयास किया था। उसके बाद भी आए अधिकारियों ने भी लीज बढ़ाए जाने के लिए शासन को पत्र लिखे।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन 40 वर्षों तक सुबोध गुप्ता इस संपत्ति पर अवैध रूप के काबिज रहे और बैंक से किराया वसूलते रहे। गौरव गोयल ने कहा कि वह मामले को बोर्ड बैठक में लेकर गए तो 26 पार्षदों ने उनका पुरजोर विरोध किया। कहा कि अब शासन ने मामले में लीज निरस्त कर दी है और निगम अधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई करने के साथ मामले में रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि वह अब इस मामले में न्यायालय जाएंगे और संपत्ति को कमर्शियल में इस्तेमाल कर अवैध लाभ कमाने वालों से रिकवरी की मांग करेंगे।