Prayagraj Kumbha: प्रयागराज में 2025 में दिव्य और भव्य कुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। कुंभ के लिए तेरह अखाड़ा की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अखाड़ों को स्थान और सुविधाएं देने की मांग यूपी सरकार से कर रही है, वहीं अब परी अखाड़े ने भी प्रयागराज कुंभ के लिए अलग से स्थान और सुविधाएं देने की मांग उत्तराखंड सरकार और शासन से की है।
परी अखाड़े की प्रमुख आद्य जगद्गुरू त्रिकाल भवंता ने गुरुवार को हरिद्वार में यह मांग करते हुए कहा कि जिस तरीके से मातृशक्ति को अन्यत्र सुविधा और स्थान प्रदान किए जाते रहे हैं, उसी तरह प्रयागराज कुम्भ में भी मातृशक्ति को स्थान और सुविधा प्रदान की जाए, ताकि मातृशक्ति अपनी पूजा सहजता से कर सके।
साध्वी त्रिकाल भवंता का कहना है कि आचार्य महामंडलेश्वर अखाड़ा परी का बनाया गया है। जागृत चेतना गिरी आचार्य महामंडलेश्वर 1008 आचार्य महामंडलेश्वर का उद्देश्य है मातृ शक्तियों को सशक्त करना। धर्म क्षेत्र की जो मातृशक्ति हैं, उनको सशक्त करना, उनके अधिकारों और कर्तव्य के प्रति उनको जागृत करना। अभी हमारा प्रयागराज में वैश्विक दिव्य और भव्य कुंभ होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस कुंभ में मातृ शक्तियों के लिए शासन-प्रशासन द्वारा जैसे और अखाड़ों की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाती है, वैसे ही हमारे मातृ शक्ति अखाड़े को भी सरकार द्वारा जगह, सुरक्षा और अमृत स्थान की व्यवस्था अलग से की जाए। इस उद्देश्य को लेकर आचार्य महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक किया गया है। हम प्रशासन से मांग करते हैं हम भारतवर्ष में रहते हैं।
साध्वी त्रिकाल भवंता ने कहा कि भारतवर्ष में कम से कम प्रधान मातृ पांच माता हैं। गौ माता, गंगा माता, अपनी माता, भारत माता। पांच माता के गोद में रहने वाली मातृ शक्तियों का पूरे विश्व में नेतृत्व होता है और यह पूरे वैश्विक कुंभ जो भव्य और दिव्य अमृत काल में होने जा रहा है, यह पूरे विश्व में एक उदाहरण होगा। कहा कि मातृ शक्तियों के लिए हमें सरकार से पूरी व्यवस्था चाहिए।
साध्वी ने कहा कि सरकार मातृशक्ति के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही है। जब से यह सरकार बनी है, हमारी माता के लिए हर क्षेत्र में काम हो रहा है। अब हमारी विश्व कुंभ में पहली मांग है कि मातृ शक्तियों के लिए सुरक्षा, और दिव्य और भव्य व्यवस्था सरकार दे, जिससे हमारी मातृ शक्ति उत्साहित होकर अपनी पूजा कर भगवान को प्राप्त कर सके।
परी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर चेतना गिरी का कहना है कि हम पहले से ही मातृशक्ति के लिए जागरूक अभियान चलाते रहे हैं। शासन प्रशासन भी कर रहे हैं। कहा कि प्रयास रहेगा कि धर्म क्षेत्र, सनातन धर्म क्षेत्र, वैदिक क्षेत्र जो पूर्व से ही चले आ रहे हैं, इसका नवीनीकरण करके और परिपक्व बनाना है। हमें उसे ग्राउंड पर लाना है जहां होना चाहिए। उस तरीके से इसकी व्यवस्था हो। कुंभ को लेकर कहा कि प्रशासन से मेरी अपेक्षा रहेगी कि हमको भी अमृत स्नान के लिए वही सुविधाएं मिलें, जो अन्यंत्र को जो दी जाती हैं।
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