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पंडित गोविंद बल्लभ पंत की धूमधाम से मनाई गई जयंती, युवाओं को लेनी चाहिए सीख

pandit govind ballabh pant jayanti | mp ajay bhatt |

Govind Ballabh Pant Jayanti: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती उत्तराखंड में मंगलवार को धूमधाम से मनाई गई। प्रदेश में कई जगह लोगों ने शारदा सुमन अर्पित कर उनको याद किया। हल्द्वानी के तिकुनिया स्थित पंत पार्क में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर सांसद अजय भट्ट ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

अजय भट्ट ने गोविंद बल्लभ पंत को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, समाजसेवी और कुशल प्रशासक बताया। उन्होंने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत ने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली, बेगारी प्रथा और जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष किया।  

इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट ने गोविंद बल्लभ पंत को याद करते हुए कहा कि आज के युवाओं को उनके जीवन परिचय से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है कि वे हमारे राज्य में जन्मे थे। देश की आजादी में पंडित गोविंद बल्लभ पंत का बड़ा योगदान रहा और कुशल राजनीतिज्ञ होने के चलते उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।

गोविंद बल्लभ पंत का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में 10 सितंबर 1887 को हुआ था। गोविंद बल्लभ पंत की मां का नाम गोविंदी देवी था। पिता का नाम मनोरथ पंथ था। गोविंद बल्लभ पंत के पिता की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी। इसके बाद उनकी परवरिश उनके नाना बद्री दत्त जोशी ने की।

गोविंद बल्लभ पंत को 1937 से 1939 तक ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार दिया गया। संयुक्त प्रांत में 1946 के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला। इसके बाद गोविंद बल्लभ पंत को दोबारा मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद गोविंद बल्लभ पंत 1946 से 1949 तक संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) के सीएम रहे। इसके बाद गोविंद बल्लभ पंत 1955 से 1968 तक गृह मंत्री भी रहे। 1971 में उनका निधन हो गया।

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पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती के मुख्य संयोजक गोपाल रावत ने बताया कि भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई है।

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पंडित गोविंद बल्लभ पंत के जन्म स्थान को लेकर असमंजस

भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर पहली बार ग्राम च्वींचा में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मनोज रावत और राज्य आंदोलनकारी बीरा भंडारी ने बताया कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत का जन्म पौड़ी के च्वींचा गांव में हुआ था। इसको लेकर उन्होंने डीएम डॉक्टर आशीष चौहान से पहले भी मुलाकात की थी। इसके बाद डीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस वर्ष पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती च्वींचा गांव में आयोजित की जाएगी, लेकिन डीएम अपने वादे से मुकर गए।

बीरा भंडारी ने कहा कि अगर अगले वर्ष पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती च्वींचा गांव में नहीं मनाई जाती है तो वह चंदा इकट्ठा करके भव्य रूप से गोविंद बल्लभ पंत की जयंती मनाएंगे और उनकी मूर्ति भी स्थापित करेंगे। दूसरी ओर जिला कलेक्ट्रेट में जिला प्रशासन की ओर से भी गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीएम ने बताया कि अभी कोई भी तथ्य नहीं मिल पाए हैं, जिससे यह साबित हो पाए कि उनका जन्म च्वींचा गांव में हुआ है।


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