National Seminar in Mussoorie: मसूरी म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में एक दिवसीय नेशनल सेमिनार ‘जी-20 समिट 2023 एक अवसर या चुनौती’ विषय पर आयोजित किया गया। यह सेमिनार इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नई दिल्ली द्वारा स्पॉन्सर किया गया। सेमिनार का शुभारंभ हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ एचसी धामी ने किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
वाइस चांसलर एससी धामी ने कहा कि जी-20 समिट 2023 बीस देशों के सदस्यों का एक समूह है। इसका उत्तराखंड भी एक भाग रहा है। क्योंकि, उत्तराखंड में भी जी-20 समित आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि जो जी-20 की अध्यक्षता भारत ने की है, उससे भारत को क्या प्राप्त हुआ है और आने वाली नई पीढ़ियां व सदस्यों को क्या दिया जाएगा, इसको लेकर सेमिनार में विचार-विमर्श किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जी-20 में सस्टेनेबल डवलेपमेंट गोल की बात की जाती है और विकास के लिए जो टिकाऊ व्यवस्था हो सकती है, उसके लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। उत्तराखंड की संस्कृति पर काफी कुछ निर्भर है। जी-20 समिट के दौरान पूरे विश्व में संदेश देने का काम किया गया है कि भारत विकसित देश में शामिल होने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। भारत विश्व गुरु होने के अपने समर्थ को लेकर दुनिया के बीच कैसे जाए।
एमपीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल सिंह ने कहा कि एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 65 प्रतिशत युवा हैं। हम उन युवाओं की भागीदारी देश के विकास के लिए कैसे सुनिश्चित करें। राष्ट्र के हितों का शिक्षा के माध्यम से युवाओं को कैसे उपयोगी बनाएं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन, देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा आदि एक बहुत बडी चुनौतियां हैं, इन चुनौतियों को कैसे अवसर में बदला जाए वह इस सेमिनार का एक प्रमुख विषय है। इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
यह भी पढ़ें : नेशनल गेम्स 2024 का उद्घाटन करेंगे PM Modi, हल्द्वानी-चंपावत को देंगे बड़ी सौगात
प्रधानाचार्य अनिल सिंह ने कहा कि सेमिनार के दौरान उनके पास 100 स्कॉलर्स आए हैं, जिनके द्वारा इस विषय पर ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रेजेंटेशन दिया गया है। कहा कि उनको पूरी उम्मीद है कि सेमिनार से सभी लोगों को लाभ मिलेगा।
यह भी पढ़ें : मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन में खराब प्रदर्शन पर जताई नाराजगी, तलब की रिपोर्ट