Nanda Devi Lokjat Yatra 2024: चमोली के घाट विकासखंड स्थित सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर से मां नंदा देवी की डोली कैलाश के लिए विदा हुई। हर साल आयोजित होने वाली मां नंदा देवी लोकजात यात्रा की शुरुआत मंगलवार को हुई थी। कई पड़ावों को पार करने के बाद मां नंदा की देव डोलियां 13 सितंबर को बैदनी कुंड और बालापाटा बुग्याल पहुंचेंगी, जहां मां की पूजा-अर्चना के बाद नंदा देवी लोकजात यात्रा का समापन होगा।
12 सालों में कुरुड़ मंदिर से ही मां नंदा देवी लोकजात यात्रा का आयोजन होता है। प्रतिवर्ष नंदा देवी लोकजात यात्रा का आयोजन किया जाता है। नंदा धाम कुरुड़ मां नंदा का मायका है। कुरुड़ गांव में मां नंदा देवी की डोली कैलाश विदा करते समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचे और मां को कैलाश के लिए विदा किया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 21 अगस्त को कुरुड़ पहुंचकर तीन दिवसीय नंदा देवी लोकजात मेले का शुभारंभ किया था। इस अवसर पर सीएम ने मां नंदा के दर्शन कर पूजा-अर्चना की थी। साथ ही सीएम धामी ने प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की थी। उन्होंने कई घोषणाएं भी की थीं।
सीएम धामी की घोषणा में नंदानगर, नारायणबगड़ और देवाल में खेल मैदान निर्माण, प्राणमती नदी के दोनों तटों पर सुरक्षा कार्य और थराली के ढाडरबगड़ में बाढ़ सुरक्षा कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नंदा देवी लोकजात मेले को राजकीय मेला घोषित करने और नंदानगर चिकित्सालय को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने की घोषणा भी की।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि पारंपरिक मेले हमें हमारी संस्कृति के साथ अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार प्रदेश के पौराणिक मेलों को संरक्षण करते हुए नए आयामों को जोड़कर भव्यता प्रदान कर रही है। सीएम ने कहा था कि वर्तमान सरकार धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए विकास कर रही है।
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