Nag Panchami: उत्तरकाशी में नाग पंचमी की धूम रही। सीमान्त गांव कुपड़ा में नाग पंचमी पर्व पर दो दिवसीय भव्य मेला आयोजित हुआ। नाग पंचमी पर शेषनाग के साथ 27 गांव गोडर पट्टी के आराध्य राजा रघुनाथ महाराज की डोली और कुंसाला गांव के जाकेश्वर देव की डोली ने श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।
नाग पंचमी पर्व पर पहले गांव के ग्रामीणों ने अपने इष्ट नागदेव को मक्खन, दूध, दही, सहद और घी से स्नान कराया। उसके बाद वैदिक मन्त्रोचारण के साथ पूजा-अर्चना की गई। पूजा होते ही श्रदालुओं ने मक्खन की होली मनाई। उसके बाद रवांई की वेशभूषा में ग्रामीणों ने अपनी संस्कृति की अनोखी छठा को लोकनृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। जैसे ही नृत्य समाप्त हुआ, उसके बाद तो मानो पूरा मंदिर परिसर नागमय और भोलेमय हो गया।
ग्रामीणों ने सुंदर झांकी के साथ शेषनाग की उत्सव डोली निकाली। उन्होंने ओम नमः शिवाय के उद्घोष के साथ मंदिर की परिक्रमा की। कहते है कि आज के दिन जो कुपड़ा गांव आकर शेषनाग के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। काल सर्फ़ से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं पुत्र प्राप्ति के लिए यहां पर कई वैवाहिक जोड़े आकर पुत्र की कामना करते हैं। भगवान शेषनाग के मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया। शेषनाग की मनोहर झांकी निकाली गई।
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श्री बदरीनाथ धाम में श्री नर नारायण जयंती आज पूजा-अर्चना के साथ संपन्न हो गई। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, आज धाम के लीला ढुंगी में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, पुजारी सुशील डिमरी और अमित बंदोलिया ने नर नारायण की पूजा-अर्चना की। इसके बाद नर नारायण की विग्रह मूर्तियों ने बामणी गांव स्थित मां नंदा मंदिर का भ्रमण किया। फिर देव डोलियां धाम का भ्रमण कर मंदिर पहुंचीं। यहां नर नारायण के चल विग्रह के यथा स्थान विराजमान होने के साथ ही धाम में दो दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हो गया।
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