श्रेष्ठ उत्तराखण्ड (ShresthUttarakhand) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

मसूरी में धूमधाम के साथ मनाया गया इगास पर्व, दिखी पहाड़ की संस्कृति की छटा

mussoorie igas festival | uttarakhand igas festival |

Mussoorie Igas Festival: मसूरी में मंगलवार को लोकपर्व इगास बग्वाल की धूम रही। शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए गए। लोगों ने भैलो खेलकर भव्य रूप से इगास पर्व मनाया। इस दौरान पहाड़ की संस्कृति की छटा बिखेरी।

मसूरी के शहीद स्थल पर गढ़वाल सभा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इगास के कार्यक्रम में गढवाली पारंपरिक व्यंजन परोसे गए। इस मौके पर पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ लोगों ने जमकर भैलों खेला और आतिशबाजी के साथ नृत्य व रस्साकसी भी खेली गई। इगास पर्व के दौरान शहर के हर वर्ग के लोगों ने भाग लिया और उत्तराखंड की संस्कृति और रीति-रिवाज से रूबरू होते हुए इस लोक पर्व की महत्ता को जाना।

पारंपरिक वाद्ययंत्रों ढोल, दमौ, मसकबाजा और रणसिंघा के साथ लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। वहीं, सभी को पहाड़ी व्यंजन परोसा गया। इसमें मंडुवे की रोटी, कंडाली का साग, काफली, आलू के गुटके, रायता, झंगोरे की खीर व दाल के पकौड़े आदि थे। दूसरी ओर मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन व भाजपा द्वारा मसूरी मालरोड पर इगास का पर्व धूमधाम के साथ मनाया।

उत्तराखंड राज्यमंत्री ज्योति प्रसाद गेरौला ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफयर एसोसिएशन अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि इगास पर्व लंबे समय से चली आ रही परंपराओं से जुड़ा हुआ पर्व है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से इगास का पर्व प्रदेश के हर हिस्से में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। अपनी संस्कृति से आने वाली पीढ़ी को रूबरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर अपने मूल्यों, परंपराओं, सनातन और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए इस प्रकार के उत्सव मना रहे हैं।

मसूरी के पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड का यह लोक पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इगास पर्व हमारे पहाड़ का मुख्य त्योहार है। यह दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। एक महीने बाद बग्वाल बनाई जाती है।

इगास पर्व पर उत्तराखंड के व्यंजन उड़द के पकोड़े, गुलगुले आदि बनाए गए। साथ ही भेलू भी खेला गया और लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पारंपरिक ढोल, दमाऊ का भी आनंद लिया। कहा कि इस पर्व को सभी लोग मिलजुलकर व उत्साह के साथ मनाते हैं।

यह भी पढ़ें : केदारनाथ उपचुनाव: 27 सेक्टर और 2 जोन में बांटा गया शहर, बॉर्डर पर चेकिंग जारी

गढवाल सभा समय-समय पर पहाड़ के पारंपरिक त्योहार और संस्कृति से युवा पीढ़ियों व प्रवासियों को पौराणिक त्योहार, परंपराओं व सस्कृति से रूबरू कराने का प्रयास करती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने में कुछ हद तक रोक लग सके। साथ ही प्रदेश की संस्कृति को संरक्षित किया जा सके।

यह भी पढ़ें : सीएम धामी समारोह में हुए शामिल, उत्तराखंड के लिए कीं कई घोषणाएं


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Road Accident In Dehradun
Dehradun : आसारोड़ी में सड़क हादसा, 6 गाड़ियां आपस में टकराकर पलटीं; एक की मौत
cm pushkar singh dhami | uttarakhand lakhpati didi scheme |
कार्यशाला में सीएम धामी बोले- साल 2025 तक डेढ़ लाख महिलाएं बनेगी लखपति दीदी
liquor ban in uttarakhand | cm pushkar singh dhami |
कार्यक्रमों में शराब पिलाने पर परिवार का होगा सामाजिक बहिष्कार, 50 हजार का लगेगा जुर्माना  
uttarakhand land law | cm pushkar singh dhami |
उत्तराखंड में लागू होगा सशक्त भू-कानून, सीएम धामी ने पूर्व उच्चाधिकारियों के साथ की बैठक
uttarkashi mangsir bagwal | uttarakhand mangsir bagwal |
29 नवंबर से 1 दिसंबर तक मनाई जाएगी मंगशीर की बग्वाल, पर्यटक भी होते हैं शामिल
uttarkashi mosque controversy | agitators press conference |
जेल से छूटे आंदोलनकारियों ने की प्रेस वार्ता, आंदोलन को तेज करने का किया ऐलान