Labour Day : मसूरी में मजदूर दिवस के अवसर पर अमर शहीदों के 138वें बलिदान दिवस पर ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तहत गुरुद्वारा चौक से गांधी चौक तक रैली का आयोजन किया गया। साथ ही अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, मजदूर दिवस पर कर्मचारियों को अवकाश न दिए जाने पर एक रेस्टोरेंट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान रेस्टोरेंट के प्रबंधक और मजदूर नेताओं के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया।
मजदूर नेता आरपी बडोनी ने केंद्र और राज्य सरकार से श्रमिकों की समस्याओं के समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के न्यूनतम वेतन को लागू नहीं कर पाई है। कहा कि पीएम मोदी ने मजदूर हितों को लेकर कई वादे कर अच्छे दिनों के सपने दिखाए थे। लेकिन, मोदी सरकार अपने सारे वादे भूल गई। मजदूरों ने कहा कि मोदी सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
आरपी बडोनी ने कहा कि हमारी कई मांगें हैं। होटल व स्कूल कर्मचारियों का वेतन 26000 किया जाए, भवन निर्माण मजदूरों की दैनिक मजदूरी 1000 रुपये की जाए, श्रम कानूनों से छेड़छाड़ पर रोक लगाई जाए, सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराए जाएं व कॉलोनियों का निर्माण किया जाए, नजूल की भूमि के पट्टे श्रमिकों को आवंटित किए जाएं, ईएसआई के बिलों का भुगतान 15 दिनों में किया जाए। होटलों और स्कूलों में जांच कर अंशदान कटौती के लिए कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मजदूरों की मांगों को नहीं माना तो पूरे देश में सभी मजदूर संगठन लामबंद होंगे और सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे।