Krishna Janmashtami: पहाड़ों की रानी मसूरी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। मसूरी में सभी मंदिरों को सजाया गया। मसूरी के ऐतिहासिक श्री राधा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी की विशेष तैयारियां की गईं। सुबह के समय मंदिर में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की गई और देर शाम तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी ने बताया कि रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण की विशेष आरती की जाएगी। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।
श्री राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी परशुराम भट्ट ने कहा कि श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। श्रीकृष्ण को कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश और वासुदेव आदि नाम से पुकारा जाता है। जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा होती है। उत्तराखंड में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम के साथ मनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुराणों के अनुसार, श्रीकृष्ण त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु के अवतार हैं। उनका आशीर्वाद और कृपा को प्राप्त करने के लिए भक्त हर साल इस दिन व्रत रखते हैं और मध्य रात्रि में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। भजन-कीर्तन करते हुए श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और कुछ स्थानों पर दही-हांडी का भी उत्सव मनाया जाता है।
पुजारी परशुराम भट्ट ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व भक्तों के लिए श्रद्धा और आनंद का अवसर होता है, जो श्रीकृष्ण के जीवन और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
परशुराम भट्ट ने बताया कि श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी की तिथि को मध्यरात्रि को लड्डू गोपाल की प्रतिमा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। घर-घर में मौजूद बाल गोपाल को स्नान कराकर सुंदर वस्त्र धारण कराए जाते हैं और फूल अर्पित कर धूप-दीप से उनकी वंदना की जाती है। भगवान कृष्ण को मक्खन, दूध और दही बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें इनसे बना भोग अर्पित किया जाता है। इसे बाद में प्रसाद के रूप में सभी में वितरित किया जाता है।
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मसूरी नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष ओपी उनियाल और मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान कृष्ण से कामना करते हैं कि देश में सुख-शांति बनी रहे और देश विकास की ओर अग्रसर हो।
रानीखेत के झूला देवी मंदिर में लगा मेला
जहां पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम के साथ मनाई जा रही है, वहीं रानीखेत के प्रसिद्ध झूला देवी मंदिर में मेले के दौरान आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। झूला देवी मंदिर में साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर को घंटियों वाला मंदिर भी कहा जाता है। घंटियों की आवाज से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहां दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में ग्रामीण माता रानी के दर्शन करने आते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि मन्नत पूरी होने के बाद मंदिर में घंटी चढ़ाई जाती है।
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