Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता के मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में शुक्रवार को एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज हरिद्वार के छात्र-छात्राओं ने रैली निकाली। यह रैली एसएमजेएन कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज के नेतृत्व में निकाली गई।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि कोलकाता में घटित इस विभत्स घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि नारी को देवी मानने वाले देश में इस तरह की घटनाएं समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकतीं। इस घटना से संत समाज सहित सभी वर्गो में अत्यधिक रोष व्याप्त है। घटना के इतने समय बाद भी दोषियों का न पकड़ा जाना पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नैतिकता के आधार पर अपना त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वह अपना त्यागपत्र नहीं देती हैं तो केंद्र सरकार को चाहिए कि वह राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाए।
कांग्रेस ने नर्स हत्याकांड जांच की मांग की
कोलकाता में एक डॉक्टर की हत्या का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। कोलकाता की सरकार भी कटघरे में है तो वहीं, दिल्ली और उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स की रेप के बाद हत्या के विरोध में महिला कांग्रेस की प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस मुख्यालय पर भाजपा सरकार मुरादाबाद की तख्ती लेकर सांकेतिक प्रदर्शन किया।
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प्रदर्शन के बाद उपरांत कांग्रेस महिला कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने एसपी सिटी मनोज कत्याल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोपी को फांसी दिलाने की मांग की। एसपी सिटी ने महिलाओं को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। वहीं, इसके साथ ही एसपी सिटी ने महिलाओं को गौरा शक्ति एप के बारे में जानकारी देते हुए एप डाउनलोड करने की अपील की।
डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
कोलकाता के मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में पूरे देश में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, जिला चिकित्सालय बौराडी में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर इस अमानवीय घटना के प्रति अपनी नाराजगी जताई। डॉक्टरों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर काम किया और इस घटना को लेकर गहरा विरोध व्यक्त किया। डॉक्टरों ने बताया कि अभी ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं सुचारू हैं। उन्होंने कहा कि दूर दराज से आने वाले मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए ड्यूटी की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि आगे संघ का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
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