केदारनाथ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार तैयारियों में जुटी है। केदारनाथ यात्रा के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि कहीं कोई कमी न रह जाए। केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर डीएम रुद्रप्रयाग डॉ सौरभ गहरवार ने बताया कि रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक 11 स्थानों को चिह्नित करते हुए नई पार्किंग तैयार की जा रही है। इसमें लगभग 460 वाहनों की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी पार्किग के लिए एक एप विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से क्षमता के अनुसार वाहनों को निर्धारित पार्किंग पर रखने की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के पंजीकरण के लिए रोस्टर के अनुसार व्यवस्था की जाएगी। यात्रा में घोड़े-खच्चरों की पहचान सुनिश्चित किए जाने के लिए डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है। पैदल यात्रा मार्ग पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था के लिए उरेडा के माध्यम से 200 सोलर स्ट्रीट लाइट स्थापित की जा रही हैं, जिससे रात के समय में भी यात्रियों को प्रकाश की व्यवस्था उपलब्ध हो सके।
यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर सुलभ शौचालय की व्यवस्था की गई है। नगर पालिका रुद्रप्रयाग में 2, नगर पंचायत तिलवाडा में 2, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में 2, सुलभ द्वारा सीतापुर पार्किंग के पास 5 सीटर और केदारनाथ में 50 सीटर हाईटेक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। सुलभ द्वारा यात्राकाल के लिए गवनी गांव, कुण्ड, फाटा, दगड्या बैरियर और सीतापुर पार्किग में चार मोबाइल टॉयलेट स्थापित किए जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग, तिलवाडा एवं अगस्त्यमुनि क्षेत्र अंतर्गत और गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर बैलून लाइट स्थापित की जा रही है।
पर्यटन विभाग द्वारा सीतापुर की बड़ी वाहन पार्किंग में 31 एवं छोटी वाहन पार्किंग में 10 कियोस्क दुकानों एवं जिला पंचायत द्वारा सोनप्रयाग पार्किंग क्षेत्र में 36 कियोस्क दुकानों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। यात्रा मार्ग पर कुंड से सोनप्रयाग तक कूड़े की सफाई के लिए जिला पंचायत के माध्यम से दो वाहन संचालित किए जाएंगे। केदारनाथ धाम में दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए डेयरी विभाग के माध्यम से गिवाड़ी गांव, काकड़ागाड, गुप्तकाशी, नारायणकोटी, सोनप्रयाग में आंचल के कैफे, मिल्क बूथ एवं मोबाइल मिल्क वैन स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सोनप्रयाग त्रियुगीनारायण मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं हॉकरों के लिए शेड व डोरमेट्री का निर्माण किया जा रहा है। हेली सेवाओं के संचालन एवं समस्या निदान के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है।