Jamrani Dam Project: कुमाऊं मंडल की बहु प्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना की शुरुआत होने जा रही है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने शुक्रवार को हल्द्वानी कैंप कार्यालय में राजस्व और जमरानी बांध के अधिकारियों के साथ जमरानी परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक की। दीपक रावत ने कहा कि इस परियोजना से हल्द्वानी शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ होगी, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दो-दो जिलों में 57065 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से यूपी के जिला रामपुर और बरेली को 47607 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई का पानी मिलेगा, जबकि उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिलों को 9458 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान की जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि परियोजना से हल्द्वानी को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराना है। वर्ष 2051 में हल्द्वानी और काठगोदाम की अनुमानित जनसंख्या 10.65 लाख को देखते हुए इसका आकलन किया गया है।
उन्होंने बताया कि बांध प्रभावितों को सोमवार से मुआवजा बांटने की योजना है। जमरानी बांध परियोजना के पहले चरण का कार्य 15 सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा। लगभग 3700 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2029 तक निर्माण कार्य पूरा होना है। बताया कि जमरानी बांध प्रभावितों को पुनर्वास के लिए ऊधम सिंह नगर के पराग फॉर्म में टाउनशिप तैयार की जा रही है। यहां प्रभावितों को विस्थापित किया जाएगा।
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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि बांध निर्माण कार्य के लिए सबसे पहले संपर्क मार्ग बनाया जाएगा। बरसाती सीजन में कार्य सुचारू रूप से संचालित करने के लिए गोला नदी जलनिकासी के लिए दो ऑफर डैम और टनल बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि परियोजना के डूब क्षेत्र में 6 गांव की 49.71 हेक्टेयर निजी भूमि जलमग्न और 1267 परिवार प्रभावित हो रहे हैं, जिनका विस्थापन होना है।
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