Indian Army : उत्तराखंड की देवभूमि पराक्रम और वीर सैनिकों की भूमि से भी जानी जाती है। उत्तराखंड के हर जिले से 50 प्रतिशत घरों से देश की रक्षा के लिए एक जवान भारत की सेना में जरूर शामिल है। हजारों सैनिकों ने अपने भरे पूरे परिवार को छोड़कर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। हम ऐसे ही एक वीर सैनिक परिवार की कहानी आपको बताने जा रहे हैं।
दरअसल, ऋषिकेश के गुमानिवाला में शहीद राजेंद्र बिष्ट का परिवार रहता है। राजेंद्र बिष्ट भारतीय सेना में तैनात थे। सन 2005 में वह देश की सेवा करते-करते वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी पत्नी लक्ष्मी बिष्ट बताती हैं कि पति के शहीद होने के बाद उन्होंने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने बेटे भूपेंद्र बिष्ट को भी देश सेवा में समर्पित करने की ठान ली थी। उनकी एक पुत्री भी है, जो अभी अध्ययनरत है।
लक्ष्मी बिष्ट ने बताया कि होश संभालते ही भूपेंद्र बिष्ट ने भी अपना लक्ष्य देश सेवा में समर्पित होने का बना लिया। दिन-रात पढ़ाई के साथ-साथ वह फिजिकल परीक्षा पास करने के लिए भी दिन-रात एक करने लगा। आज यह उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि वह गढ़वाल राइफल में राइफलमैन के पद पर नियुक्ति पा चुके हैं। गर्व की बात यह है कि वह अपनी ट्रेनिंग पूरी कर उसी दिन घर लौटे, जिस दिन उनके पिता ने देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।