IIT Roorkee Convocation: आईआईटी रुड़की का शनिवार को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इसमें नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहीं। दीक्षांत समारोह में 2513 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां बांटी गईं। इनमें 1277 स्नातक, 794 स्नातकोत्तर और 442 पीएचडी छात्र शामिल रहे।
बीटेक कंप्यूटर साइंस के छात्र अचिन्त्य नाथ को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक पुरस्कार और बीटेक कम्प्यूटर साइंस के छात्र उज्ज्वल कुमार दुबे को भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान सभी छात्र इस अनोखे पल को लेकर खासे उत्साहित दिखे। छात्र-छात्राओं ने डिग्री मिलने पर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने इसके लिए अपने गुरुजनों का आभार जताया।
छात्र शिवम कुमार ने बताया कि उन्हें एमटेक की डिग्री मिली है। उन्होंने कहा कि आज उनके सपने पूरे हो गए हैं। आईआईटी का सफर बहुत अच्छा रहा है। यहां बहुत अच्छे-अच्छे सहयोगी मिले। कहा कि अभी बंगलौर में ओला इलेक्ट्रिक में जॉब कर रहे हैं। यहां से प्लेसमेंट हो गया है।
कोवर सिंह महल ने कहा कि उन्हें पीएचडी की डिग्री मिली है। कोवर सिंह ने बताया कि उनको भी यहां से प्लेसमेंट मिल गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब मिल गई है। कोवर ने कहा कि यहां का सफर खट्टा-मीठा रहा। यहां अच्छे साथी मिले।
उत्तम गुप्ता ने कहा कि वह एमटेक केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं। उनको आज डिग्री मिली है। उत्तम ने कहा कि आज यह पल उनके लिए ऐतिहासिक है। बताया कि उनका प्लेसमेंट मुंमई में रिलायंस न्यू इनर्जी में हुआ है। उत्तम ने कहा कि यहां का सफर उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा। यहां स्ट्रेस को भी झेला है। गाइड ने काफी मदद की।
दीक्षा लुहानी ने बताया कि उन्होंने मैटेलर्जी एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है। कका कि पीएचडी की डिग्री लेने में 5 से 6 साल लग गए। दीक्षा ने कहा कि अभी उनकी आगे और पढ़ने की प्लानिंग है। दीक्षा ने कहा कि आईआईटी रुड़की एक अच्छा संस्थान है। यहां सभी साथियों का अच्छा सहयोग मिला। वहीं, नीलम ने कहा कि बहुत मेहनत के बाद पीएचडी की डिग्री मिली है। इसको पाने में 5 से 6 साल लग गए। आगे टीचिंग की लाइन में ही जाने का विचार है।