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पाकिस्तान में रखी अस्थियों को हरिद्वार में मिला मोक्ष…

Pakistani Pilgrims In Haridwar | Hindu Pilgrims of Pakistan | Haridwar

Pakistani Pilgrims In Haridwar: पाकिस्तान से 223 हिंदू यात्री भारत में तीर्थ दर्शन करने आए हैं। पाकिस्तान से आए 223 हिंदू तीर्थयात्रियों ने आज हर की पैड़ी स्थित अस्थि प्रवाह घाट पर करीब 20 लोगों की अस्थियों का मां गंगा में विसर्जन किया। इन अस्थियों को पाकिस्तान से आए हिंदू तीर्थ यात्री अपने साथ हरिद्वार लेकर आए थे, यह अस्थियां पाकिस्तान में कई सालों से रखी हुई थी। अब जब उनके परिजन हरिद्वार आए तो वे अस्थियों को अपने साथ लेकर आए और यहां मां गंगा की गोद में उनका विसर्जन किया गया ताकि उनको मोक्ष प्राप्त हो सके। सिंध प्रांत में रहने वाले हिंदू तीर्थ यात्री मां गंगा को अपना आराध्य मानते हैं और ऐसी मान्यता है कि यदि अस्थियों का विसर्जन मां गंगा में किया जाए तो व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस निमित्त उनके परिजनों ने आज मां गंगा में अस्थियों का विसर्जन किया। अस्थि विसर्जन के अवसर पर शदाणी दरबार के 9वें गुरु स्वामी युधिष्ठिर लाल मौजूद रहे।

गंगा नदी में मिलता है मोक्ष

शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर स्वामी युधिष्ठिर लाल का कहना है कि करीब 20 लोगों की अस्थियां आज गंगा जी में प्रवाहित की गई। यह लोग शदाणी दरबार के जत्थे में आए हैं, कुछ लोग परिचित थे बाकी लोक परिचित भी नहीं हैं। यह एक धार्मिक सेवा है। सिंध प्रांत में ब्राह्मण तो बहुत है पवित्र सिंधु भी है, परंतु अस्थि प्रवाह तो पूरे सिंधु हिंदू समाज की गंगा में ही होती है। सिंधु समाज के आज उन प्राणियों को मोक्ष मिला जिनकी अस्थियां प्रवाहित की गई।

पीठाधीश्वर स्वामी युधिष्ठिरलाल ने कहा कि भारत सरकार ने यह सुविधा दी है कि अगर कोई हरिद्वार आकर अस्थि विसर्जित करना चाहता है तो उसे बिना शर्त के एक हफ्ते का विशेष वीजा दिया जाएगा। लेकिन अभी तक सैकड़ो में से दो-चार लोगों को ही वीजा मिला है, तो ऐसे में भारत सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

रामलला के दर्शन से मन है खुश

जत्थे के ग्रुप लीडर गोविंदराम मखीजा का कहना है कि वो शदाणी दरबार के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए हैं। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के जत्थों का सिलसिला पिछले 35-40 सालों से जारी है। उन्होंने कहा कि सिंध प्रांत के 223 यात्रियों का जत्था लेकर 13 अप्रैल को घर से निकले थे। 14 अप्रैल को बॉर्डर को पार करते हुए 16 अप्रैल को अमरावती आए, फिर 19 अप्रैल को रायपुर पहुंचे। जहां वो 10 दिन ठहरे और पूजा-पाठ की। रायपुर के बाद वो प्रयागराज आए, जहां उन्होंने त्रिवेणी में स्नान किया। उसके बाद हम अयोध्या आए और राम जन्मभूमि में श्री रामलला का दर्शन किया। रामलला के दर्शन से मन बहुत प्रसन्न है। वहां से हम हरिद्वार पहुंचे और आज सुबह हम अपने पूर्वजों की अस्थियां प्रवाहित करने के लिए मां गंगा के तट पर हर की पौड़ी पर आए हैं।

पीएम मोदी से की यह खास अपील

जत्थे के ग्रुप लीडर गोविंदराम मखीजा ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि इतने आपने पुण्य के काम किए हैं एक पुण्य का यह काम भी कर दीजिए कि पाकिस्तान के हिंदू सिंधी यात्रियों को जल्द वीजा मिल जाए। वीजा के लिए 30 से 40 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी वीजा नहीं मिलता है। जब मिलता है तो जो प्रोग्राम होता है, वो खत्म हो चुका होता है।


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