Hathras Stampede : हाथरस की घटना के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। हरिद्वार में चलने वाले सत्संगों और भागवत कथाओं की परमिशन को लेकर डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने सख्ती करने के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा है कि हरिद्वार में धार्मिक आयोजनों के दौरान किसी तरह की अनहोनी ना हो, इसके लिए अनुमति दिए जाने की एसओपी का पालन कराना भी सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जितनी भीड़ जुटाने की अनुमति दी गई है, उससे ज्यादा भीड़ कार्यक्रम स्थल पर ना जुटे।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि हाथरस की घटना से सबक लेते हुए हरिद्वार में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर भी निगरानी रखी जाएगी। कार्यक्रम में कितनी भीड़ होगी, यह तय करना होगा। इसके अलावा कार्यक्रम से पहले आयोजकों को अनुमति लेनी होगी। इसमें कार्यक्रम से जुड़ीं सभी जानकारियां देनी होंगी। भीड़ और पंडाल की जांच पहले प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की घटना इन धार्मिक कार्यक्रमों में ना घटे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि आयोजनों को साफ दिशा-निर्देश दिए जाएंगे कि वह पंडाल में या फिर आसपास के क्षेत्र में एसओपी से जुड़े सभी नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि पंडालों में एंट्री और एग्जिट के लिए कई स्थान बनाने होंगे।
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बता दें, धर्मनगरी हरिद्वार में कई आश्रमों, अखाड़ों में सत्संग और अन्य धार्मिक आयोजन होते रहते हैं, जिसमें हजारों की भीड़ जुटती है। मेलों और पर्वों पर तो कई बार भगदड़ में श्रद्धालुओं की जानें जा चुकी हैं। 2013 में नील द्वीप पर शांतिकुंज के एक आयोजन में भगदड़ मचने से भी कई लोग मौत का शिकार हो गए थे।
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