Shantikunj Workers Procession: हरिद्वार शहर शनिवार को वासंती रंग में रंगा नजर आया। हरिद्वार गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के पीतवस्त्रधारी कार्यकर्ताओं ने हरीतिमा संवर्धन व कांवड़ (बाइक) शोभायात्रा निकाली। शांतिकुंज की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में वैदिक पूजन के पश्चात वरिष्ठ प्रतिनिधियों के संग शेफाली पण्ड्या ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा का शुभारंभ शांतिकुंज के गेट नंबर दो से हुआ।
यात्रा भारत माता मंदिर, पावन धाम चौराहा होते हुए शंकराचार्य चौक पहुंची। यहां से वापस होते हुए देवपुरा चौक, प्रेस क्लब, रेलवे स्टेशन और ललतारौ पुल पर यात्रा पहुंची। स्थान-स्थान पर लोगों ने यात्रा पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस बीच यातायात निर्बाध रूप से चलता रहा। प्रारंभ से लेकर यात्रा समापन तक शांतिकुंज कार्यकर्ताओं ने गंगा को निर्मल रखने, स्वच्छ-सुंदर हरिद्वार, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, प्रतिबंधित पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया। यात्रा में हर-हर शंभु का जयघोष होता रहा। यह यात्रा दूधाधारी चौक, भूपतवाला होते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव परिसर पहुंची। यहां देसंविवि की बहिनों ने शोभायात्रा में शामिल हरीतिमा कांवड़ रथ का पूजन किया और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इसके बाद प्रज्ञेश्वर महादेव में सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से सामूहिक जलाभिषेक किया गया।
यात्रा का समापन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज स्थित ऋषियुग्म की पावन समाधि के पास विशेष संगोष्ठी से हुआ। इस दौरान लोगों को गंगा को निर्मल बनाने व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक-एक पौधा रोपने के लिए संकल्पित कराया गया। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री साधकों ने अनुशासित ढंग से शांति के साथ अपनी यात्रा पूरी की। यात्रा के दौरान मिलने वाले राहगीरों को पतित पावनी गंगा को निर्मल बनाए रखने एवं प्रतिबंधित पॉलिथीन के उपयोग से बचने और हरिद्वार को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए प्रेरित किया।
संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे वृक्षा गंगा जन अभियान के अंतर्गत एक पौधा अपने आंगन में अथवा किसी सामुदायिक स्थानों में लगाने के लिए प्रेरित किया। यात्रा में शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के अंतेवासी कार्यकर्त्ता भाई बहिन और विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों से आए साधकों ने भी प्रतिभाग किया।
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