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हल्द्वानी में केबल ट्रॉली से लेकर जाना पड़ा शव, पुल न बनने से धामी सरकार के प्रति रोष

haldwani cable trolley | haldwani cable trolley dead body case |

Haldwani Cable Trolley Dead Body Case: उत्तराखंड सरकार और सिस्टम को आईना दिखाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला हल्द्वानी से महज 5 किलोमीटर दूरी का है। रानीबाग के दानीजाला गांव को जोड़ने वाली गौला नदी पर अभी पुल नहीं बना है। इस कारण शुक्रवार को मूसलाधार बारिश में अंतिम संस्कार के लिए शव को केबल ट्रॉली से लेकर जाना पड़ा।

रानीबाग के दानीजाला गांव में मूसलाधार बारिश के बीच एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में देरी हो गई, क्योंकि  गांववासियों के लिए शहर की ओर आने के लिए अभी ब्रिज नहीं बन पाया है। भारी बारिश के बीच गौला नदी उफान पर होने से बुजुर्ग के शव को केबल ट्रॉली के माध्यम से लाया गया। गांव वालों ने नाराजगी जताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि दशकों से सरकार उनके गांव की उपेक्षा कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में प्रतिभाग करने वाले वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत की गुरुवार को मृत्यु हो गई थी। गोपाल जंग रानीबाग के दानीजाला में रहते थे। बीमारी के बाद 78 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। उनके दो बेटे सेना में सेवारत हैं। गांव वालों ने बताया कि यहां करीब 20 परिवार रहते हैं, लेकिन फिर भी आज तक नदी पर झूलापुल को लेकर पूरे गांव की दशकों की मांग अधूरी है।

हल्द्वानी शहर से कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव के अधिकतर लोग भारतीय सेवा से जुड़े हुए हैं। ब्रिटिश आर्मी से लेकर अब तक भारतीय सेना में देश की सेवा की है। आज भी लगभग 12 से अधिक युवा देश की सेवा के लिए सेना में सेवा दे रहे हैं। फिर भी अभी तक अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अन्य दिनों में वह नदी को पैदल पार करते हैं, लेकिन बरसात में सबसे ज्यादा मुसीबत उठानी पड़ती है।

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गांव को शहर से जोड़ने वाली केबल ट्रॉली पर झूला पुल बनाने के लिए दशकों से ग्रामीण मांग करते आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज तक झूला पुल नसीब नहीं हुआ। बरसात में आलम यह रहता है कि रस्सी की ट्रॉली लोगों की जीवन दायिनी बनती है और लोग अपने गांव तक पहुंचते हैं। कई बार हादसे होने का डर रहता है। लोगों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन इस गांव की अनदेखी कर रहा है।

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