Governor Jadung Visit: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने जिले के सीमांत क्षेत्र के वाइब्रेंट गांवों की जीवंतता को कायम रखने के लिए इन गांवों में पर्यटन विकास, बागवानी के विस्तार औऱ आजीविका संवर्द्धन के नए और बेहतर अवसर सृजित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन गांवों की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए सरकार की कोशिशों में सभी विभागों और संगठनों को मिलकर प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सीमांत क्षेत्र के वाइब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हैं। आज सुबह वे हर्षिल हैलीपैड पहुंचे। इसके बाद राज्यपाल बगोरी होते हुए धराली गांव पहुंचे। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास सफल होने जा रहे हैं।
राज्यपाल ने धराली गांव में हार्टी-टूरिज्म के मॉडल के तौर पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सेब के बागों के बीच विकसित किए जा रहे होम स्टे एवं रिर्जाट्स का अवलोकन कर इन प्रयासों की भरपूर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के मॉडल को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्यपाल ने गांव के युवा बागवान सचेन्द्र पंवार, उमेश पंवार और धराली गांव की महिला लक्ष्मी देवी आदि लोगों से बातचीत कर बागवानी व पर्यटन से संबंधित व्यवसायों में गांव में हो रहे बेहतर काम की जमकर तारीफ की।
धराली गांव के प्राकृतिक सौंदर्य, बागवानी व पर्यट विकास के क्षेत्र में हुई प्रगति से अभिभूत राज्यपाल ने ग्रामीणों को अपनी तरफ से मिठाई दी। उन्होंने कहा कि धराली गांव के हार्टी-टूरिज्म मॉडल को प्रोत्साहित करने के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।
धराली के बाद राज्यपाल ने सीमावर्ती क्षेत्र के नेलांग एवं जादुंग गांवों का भ्रमण कर धवल निर्मल जलधारा वाली जाडगंगा (जाह्नवी) के किनारे स्थित शीत मरूस्थल के इन वीरान गांवों के विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य का साक्षात्कार किया। राज्यपाल ने इन गांवों को दोबारा बसाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी ली और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई होम-स्टे कलस्टर योजना के तहत जादुंग गांव में होम स्टे निर्माण के लिए शुरू किए गए कार्यों का भी निरीक्षण किया।
जीएमवीएन के माध्यम से जादुंग गांव में प्रथम चरण में 6 होम स्टे का निर्माण कार्य गत सप्ताह शुरू किया गया है। 365.33 लाख रुपये की लागत की यह परियोजना एक साल में पूरी हो जाएगी। अगले चरण में 17 होम स्टे बनाए जाने प्रस्तावित हैं। इस योजना के तहत क्षेत्र के पारंपरिक वास्तुशिल्प के अनुरूप निर्मित होम स्टे जादुंग गांव के मूल निवासियों को सौंपे जाएंगे। डीएम ने बताया कि इस क्षेत्र में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इनर लाइन को शिफ्ट किए जाने सहित जनकताल तक ट्रैकिंग की गतिविधियां संचालित करने का भी प्रस्ताव है।
राज्यपाल ने जादुंग गांव में होमस्टे निर्माण का निर्माण देख रहे जीएमवीएन के अभियंताओं से इस परियोजना की विस्तार से जानकारी लेते हुए जीएमवीएन सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि यह काम समय से व सही तरीके से होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज की योजनाओं पर विभिन्न स्तरों से पूरी निगरानी रखी जा रही है।
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राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड से पलायन को रोकने के उपायों को लेकर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन के चलते सरकार के प्रतिबद्ध प्रयासों ने राज्य के वीरान पड़े कई ‘घोस्ट विलेज‘ अब ‘होस्ट विलेज‘ के तौर पर आबाद और खुशहाल बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है।
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