Shishu Balgrah Fire : अल्मोड़ा के जगलों में अभी भी आग की घटनाएं लगातार हो रही हैं। एक बार फिर अल्मोड़ा के गोलना कराड़िया क्षेत्र में शुक्रवार को शिशु बालगृह के पास आग लगने से बड़ी घटना होने से बच गई। मौके पर पहुंचीं फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इसके बाद क्षेत्र के लोगों का दहशत खत्म हुई।
अल्मोड़ा में वन विभाग की नर्सरी के पास से सटे जंगल में नीचे से धधकती हुई आग ऊपर रियासी मकान तक पहुंच गई। साथ ही यह आग पास में स्थित शिशु बालगृह के भवन तक पहुंच गई। आग बढ़ते-बढ़ते वार्डन निवास के पास तक पहुंच गई। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। आवासीय भवनों की ओर बढ़ रही भयंकर आग पर काबू पाए जाने के बाद लोगों ने चैन की सांस ली।
उत्तराखंड में पिछले साल नवंबर से 13 जून 2024 तक आग लगने की 1220 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कुमाऊं मंडल में आग लगने की 591, गढ़वाल मंडल में 523 और वन्यजीव क्षेत्र में 106 घटनाएं सामने आई हैं। इस दौरान 1657 हेक्टेयर क्षेत्रफल मे फैली वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड में हर साल 2400 हेक्टेयर से अधिक जंगल आग की लपटों का शिकार होते हैं। अगर पिछले 10 साल की बात करें तो आग की वजह से 29 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 79 लोग झुलस गए।
पिछले साल तीन लोगों की हुई थी मौत
पिछले साल 2023 में वनाग्नि की 773 घटनाओं में 933 हेक्टेयर जंगल जल गए थे। इससे तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, तीन लोग घायल हो गए थे। इस साल जंगल में आग लगने की कुल 1144 घटनाएं सामने आईं, जिसमें 1574 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुए। इस दौरान 6 लोगों की जान चली गई।
वन विभाग ने जंगल में आग लगाने के आरोप में इस साल 434 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें 65 नामजद तो 369 अज्ञात हैं। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि जंगल में आग लगाने के पीछे वन विभाग का भी हाथ है। जंगलों को लगातार काटा जा रहा है। इस पर पर्दा डालने के लिए आग लगाई जाती है, ताकि कोई भी सबूत न मिले।
जंगलों को आग से बचाने के लिए बनाए गए 1438 क्रू स्टेशन
वन विभाग की मानें तो जंगलों को आग से बचाने के लिए 1438 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 569 गढ़वाल और 644 कुमाऊं में हैं। वहीं, 225 क्रू स्टेशन वन्यजीव क्षेत्र में हैं। इसके साथ ही, 174 वॉच टावर भी बनाए गए हैं। विभाग ने बार-बार जंगल में आग लगाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, वन संपदा को हुए नुकसान की भरपाई भी इन लोगों से की जाएगी। इन पर लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम की तहत कार्रवाई की जाएगी।