श्रेष्ठ उत्तराखण्ड (ShresthUttarakhand) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

पर्यावरणविद ने उठाए सरकार पर सवाल, बोले- वन और हिमालय नीति बनाने में विफल

environmentalist jagat singh jangli | uttarakhand government | cm dhami | Himalaya |

Environmentalist Jagat Singh Jangli : पर्यावरण श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार वन नीति और हिमालय नीति बनाने में विफल साबित हो रही है, जबकि हमारा हिमालय और वन दोनों ही खतरे में हैं। खास बातचीत में प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने बताया कि एक तरफ हिमालय में निर्माण कार्य हो रहे हैं औऱ दूसरी तरफ हेलीकॉप्टर से लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वहीं, हिमालय को बचाने के लिए कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं। आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में निर्माण कार्य चल रहे हैं। हेली सेवाओं की गर्जना से ग्लेशियर टूट रहे हैं, जबकि जीव-जंतु बहरे हो गए हैं। पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने कहा कि सबसे बड़ी बात हिमालय को खतरा पैदा हो गया है। हिमालय का पर्यावरण प्रदूषित हो गया है। केदारनाथ जा रहे लोग प्रदूषण फैला रहा है। उन्होंने कहा कि धाम स्वच्छ स्थान पर बसे हैं। मनुष्य ने अपनी सुविधाओं को लेकर धाम के ईको सिस्टम को बिगाड़ दिया है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने को लेकर एनजीटी, वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से कोई भी ठोस नीति नहीं बनाई जा रही है। शहरों में गर्मी के कारण तापमान काफी बढ़ गया है और देश के विभिन्न राज्यों से लोग गर्मी से बचने के लिए देवभूमि उत्तराखंड की ओर आ रहे हैं। वे यहां आकर प्रकृति को बिगड़ते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों से प्रकृति के साथ बड़ी मात्रा में छेड़छाड़ की जा रही है, जिसका परिणाम यह कि अब पहाड़ों पर भी पहले जैसी ठंडक नहीं रही है। यहां के तापमान में भी काफी बढ़ोत्तरी हो गई है। नदी-नाले सूख रहे हैं। लम्बे समय तक बारिश नहीं हो रही है। मानसूनी सीजन में कहीं बारिश तेज तो कहीं बारिश हो ही नहीं रही है। मौसम में आए बदलाव का मुख्य कारण प्रकृति के साथ बड़ी मात्रा में छेड़छाड़ है। आने वाले समय में समस्याएं और अधिक बढ़ने वाली हैं, जिसका अंदाजा अभी किसी को नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को वन और हिमालय नीति बनाने की जरूरत है। इन नीतियों के बनने से हिमालय के साथ ही पर्यावरण को भी बचाया जा सकेगा। इसमें स्थानीय लोगों की भी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की जाए। कहा कि हिमालय की जरूरत पूरे देश को है। इसलिए इस कार्य में सभी की भागीदारी होनी चाहिए। इसके लिए विधिवत कानून भी बनना चाहिए। आज के समय में धरती को बचाने के लिए कानून बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

accident in mussoorie | car accident in mussoorie |
मसूरी में अनियंत्रित होकर कार खाई में गिरी, युवती सहित तीन लोग घायल
asaduddin owaisi | kali sena chief swami anand swaroop | cm pushkar singh dhami |
ओवैसी के 15 मिनट वाले बयान पर साधु-संत नाराज, उन्हीं की भाषा में दिया जवाब
guru nanak jayanti | cm pushkar singh dhami |
धूमधाम से मनाई गई गुरु नानक देव की जयंती, मशहूर इतिहासकार ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
kedarnath byelection 2024 | cm pushkar singh dhami |
कांग्रेस ने दिल्ली केदारनाथ मंदिर मामले को दिया तूल तो तीर्थ पुरोहितों ने दिया जवाब
land mafia eye on dilaram state | mussoorie dilaram state |
भूमाफिया के हौसले बुलंद, दिलाराम स्टेट के गेट पर लगाया ताला, लोगों ने किया हंगामा
kartika purnima ganga snan | ganga snan | har ki pauri |
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, जानिए आज के दिन का महत्व