उत्तराखंड में बिजली के रेट बढ़ गए हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नए रेट जारी कर दिए हैं। यह रेट 1 अप्रैल से लागू होंगे। उत्तराखंड में बिजली के रेट में 10 साल में चौथी बार बड़ी बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 2023-24 में 9 प्रतिशत के ज्यादा बिजली के रेट बढ़े थे। वहीं, 2009 में सबसे अधिक बिजली के रेट बढ़ाए गए थे।
किस वर्ष कितने प्रतिशत महंगी हुई बिजली
वर्ष बढ़ा हुआ प्रतिशत
2009-10 17
2010-11 10
2013-14 5
2014-15 00
2015-16 7.30
2016-17 5.10
2017-18 5.80
2018-19 2.60
2019-20 3.50
2020-21 4.50
2021-22 4.30
2022-23 2.68
2023-24 9.64
2024-25 6.92
उत्तराखंड में बिजली की दरों में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। नई दरों के अनुसार, अब 101 से 200 यूनिट तक और 201 से 400 यूनिट तक के आपको ज्यादा पैसे देने होंगे। वहीं, बीपीएल के 4.5 लाख उपभोक्ताओं के लिए, स्नो बाउंड उपभोक्ताओं के लिए और फिक्स्ड चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
बिजली की नई दरों के अनुसार, 100 यूनिट तक 25 पैसे, 101 से 200 यूनिट तक 30 पैसे और 201 से 400 यूनिट तक 40 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने बताया कि सोलर वाटर हीटर में छूट 75 रुपये प्रति 50 लीटर रखी गई है।
बता दें, प्रदेश में बिजली के दामों में 8 से 11 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी। यूपीसीएल ने 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की थी। इसके सापेक्ष नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से अपना फैसला लेने की बात कही थी। इस साल यूपीसीएल ने बिजली खरीद पर सालाना 1281 करोड़ का हवाला देते हुए मांग की थी कि बिजली की दरों में 23 से 27 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए।
नियामक आयोग ने प्रदेश भर में जनसुनवाई के साथ ही सभी हितधारकों से की गई बातचीत के बाद बिजली की नई दरों को अंतिम रूप देकर इस सप्ताह के अंत या सोमवार तक बिजली दरें घोषित किए जाने की बात कही थी। सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद आयोग 8 से 11 प्रतिशत तक बिजली दरों में बढ़ोतरी कर सकता है, ऐसी संभावना जताई जा रही थी। लेकिन, बिजली दरों में करीब सात प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।