Tehri Dam: एशिया के सबसे बड़ा टिहरी डैम जो कि 42 किलोमीटर तक फैला है। टिहरी बांध परियोजना से पावर ग्रिड के माध्यम से 9 राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है। वर्तमान में टिहरी डैम से 1000 मेगावाट और कोटेश्वर डैम से 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। शेष 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिये पीएसपी का कार्य अंतिम चरण में है, जिसको पूरा करने के लिये टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम से एक महीने के लिए बिजली का उत्पादन बंद करना पड़ सकता है।
एक से दो महीने बंद रह सकता है बिजली का उत्पादन
टिहरी बांध परियोजना के तीसरे चरण का कार्य पूरा करने के लिए टिहरी डैम में करीब 1 से 2 महीने के लिए बिजली का उत्पादन बंद रहेगा। इस बीच लोगों को पानी की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस संबंध में प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी कल सुबह 6:00 बजे से शट डाउन शुरू कर देंगे। पंप स्टोरेज प्लांट का ट्रायल किया जा रहा है और दो-तीन महीने में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।
भारत सरकार से मिली अनुमति
यह देश का पहला पंप स्टोरेज प्लांट होगा, जो बनकर अब तैयार हो रहा है। फ्रांस की मशीन इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अधिशासी निदेशक टिहरी बांध परियोजना एलपी जोशी का कहना है कि कई राज्यों में इस बांध परियोजना से पानी और बिजली सप्लाई होती है, लेकिन किसी तरह से कोई संकट नहीं है। इसके लिए अधिकारियों द्वारा बैक क्लिक तौर पर व्यवस्था भी कर दी गई है।
अधिशासी निदेशक बांध परियोजना एलपी जोशी का कहना है कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार व भारत सरकार से स्टोरेज प्लांट ट्रायल करने के लिए अनुमति मिल चुकी है और इसके लिए उन्होंने पूरी तरह से तैयारी भी शुरू कर दी है। कल सुबह से स्टोरेज प्लांट की ट्रायल शुरू हो जाएगी और कल सुबह 6:00 बजे के करीब शट डाउन हो जाएगा।
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टिहरी बांध से नई टिहरी पंपिंग योजना, घंटाकर्ण पेयजल योजना, कोश्यार ताल पंपिंग योजना में पानी की सप्लाई होती है। झील से भागीरथी नदी में पानी न छोड़े जाने की स्थिति में इन पंपिंग योजनाओं में भी पेयजल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। गर्मियों के सीजन में बिजली उत्पादन न होने के कारण बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।