Disaster in Uttarakhand : आपदा की दृष्टि से टिहरी जिले की सबसे संवेदनशील घनसाली विधानसभा क्षेत्र में विधायक शक्ति लाल शाह और डीएम मयूर दीक्षित ने मंगलवार को अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आपदा को लेकर बैठक की। डीएम और विधायक ने अधिकारियों के सुझाव लेने के बाद सभी अधिकारियों को आपदा के समय अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को 24 घंटे अपने फोन ऑन रखने को कहा। विधायक ने कहा कि आपदा के समय सभी लोग इंसानियत का परिचय देते हुए आपसी सहयोग से कार्य करें। अधिकारी योजनाओं पर पारदर्शिता के साथ कार्य करें और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें।
दरअसल, टिहरी जिले की घनसाली विधानसभा का क्षेत्र चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव के साथ-साथ आपदा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। घनसाली विधानसभा क्षेत्र में मानसून सीजन में अतिवृष्टि होती है, जिससे यहां आपदा का भय बना रहता है। चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण डीएम ने पुलिस विभाग को एसडीआरएफ के जवान बढ़ाने, जल संस्थान को नियमित पेयजल आपूर्ति करने, स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त मात्रा में दवाई रखने, पूर्ति विभाग को अगस्त का राशन दुकानों तक पहुंचाने और अतिरिक्त फूड पैकेट रखने, विद्युत विभाग को संवेदनशील क्षेत्रों का चयन कर अतिरिक्त विद्युत पोल रखने के निर्देश दिए।
आपदा कंट्रोल रूम में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने सचिवालय में मानसून सीजन के दौरान विभाग की तैयारियों को लेकर मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों को मानसून सीजन के दौरान संभावित आपदाओं को लेकर सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने डॉक्टरों, दवाइयों, फार्मासिस्टों, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। कहा कि आपदा से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है, इसलिए सभी अधिकारी आम जनमानस को जागरूक करें। आपदा संबंधी अलर्ट और सूचनाओं का समय पर प्रचार-प्रसार जरूरी है, इसलिए सूचना प्रसारण तंत्र को सशक्त किया जाए। अलर्ट मिलते ही तुरंत लोगों तक पहुंचना चाहिए, ताकि लोग सतर्क हो जाएं।