दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का एक सक्रिय सदस्य और शार्पशूटर को पकड़ा। 18 वर्षीय गैंगस्टर की पहचान उत्तराखंड के पौडी गढ़वाल निवासी प्रदीप सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि उसके कब्जे से 32 बोर की दो अर्ध-स्वचालित(semi-automatic) पिस्तौल और नौ जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा ने उसे इंस्टाग्राम के माध्यम से भर्ती किया और आगे सिग्नल ऐप पर भानु राणा के माध्यम से उससे जुड़ा और उसे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार किया। प्रदीप सिंह को दिल्ली में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था।
विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार रोहिणी के सेक्टर 23 में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक प्रमुख सदस्य और शार्पशूटर प्रदीप सिंह की गतिविधि के बारे में एक विशेष जानकारी प्राप्त हुई थी। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्पेशल सेल की एक समर्पित टीम हरकत में आई और सेक्टर 23, रोहिणी में जाल बिछाया गया और आरोपी प्रदीप सिंह को पकड़ लिया गया। इस संबंध में उनके खिलाफ कानून की उचित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से ऐसे जुड़ा प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंह उत्तराखंड के पौडी गढ़वाल का रहने वाला हैं और उसके पिता अपने पैतृक गांव में किराने की दुकान चलाते हैं। जब वह 3 वर्ष का था, तो उसके माता-पिता ने उसे राजस्थान के बीकानेर में अपने रिश्तेदारों के पास भेज दिया, जहाँ उसने कक्षा 8 तक की पढ़ाई की। इसके बाद, वह अपने मूल स्थान पर आ गया और 11वीं कक्षा तक आगे की पढ़ाई की।
2022 में, उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और हरियाणा के गुरुग्राम में अपने दोस्त के साथ रहने आ गया। वह इंस्टाग्राम पर गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा की रील देखता था और उसकी आपराधिक गतिविधियों से प्रेरित होता था। अगस्त 2023 में उसने इंस्टाग्राम पर काला राणा को फॉलो करना शुरू किया और उसे संदेश भेजकर कहा कि वह प्रसिद्धि के लिए उसके गिरोह में शामिल होने को तैयार है। इसके बाद सितंबर 2023 में उसने काला राणा के निर्देश पर सिग्नल ऐप के जरिए भानु राणा से बातचीत शुरू की।
पुलिस के मुताबिक पिछले साल 30 दिसंबर को भानु राणा ने उसे अगले 7-8 दिनों में अन्य सहयोगियों के साथ दिल्ली में एक लक्षित अपराध करने का काम सौंपा था। भानु राणा ने उन्हें यह भी बताया कि कुछ और लोग उनसे दिल्ली में मिलेंगे और लक्ष्य का विवरण बाद में साझा किया जाएगा। इसके अलावा आरोपियों को सेक्टर 24, रोहिणी में हथियारों की एक खेप मिली। इस साल 3 जनवरी को उसे तब पकड़ा गया जब वह गिरोह के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए रोहिणी पहुंचा।