Delhi Kedarnath Temple : दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक निर्माण के विरोध में केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी और अन्य लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं, मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रेस वार्ता कर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एक ट्रस्ट जिसका नाम केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट है। मुख्यमंत्री धामी का केदार शिला के साथ वहां पहुंचकर मंदिर का शिलान्यास करना और उसको केदारनाथ वाली आकृति प्रदान करना और ये कहना कि जो लोग केदारनाथ धाम की यात्रा नहीं कर सकते, वह दिल्ली में केदारनाथ में अपनी यात्रा कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने कहा कि यह हमारी धार्मिक मान्यताओं और उत्तराखंड के वर्तमान से लेकर भविष्य के हितों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से निवेदन करते हुए कहा कि वे जो शिला दिल्ली लेकर गए हैं, उसे वापस लाना चाहिए। ट्रस्ट का नाम बदला जाए और इसे इस रूप में प्रचारित ना किया जाए कि केदारनाथ मंदिर अब दिल्ली में बन गया है।
बता दें, दिल्ली के बुराड़ी में बाबा केदार का मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर का नाम श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर है। 3 एकड़ में इसका निर्माण हो रहा है। 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका भूमि पूजन किया था। केदारनाथ धाम ट्रस्ट मंदिर बुराड़ी इसका निर्माण करा रहा है, लेकिन पूजन के बाद से मंदिर बनाने का विरोध हो रहा है। केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदारघाटी में इसे लेकर नाराजगी है। केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित और पुरोहितों में गुस्सा है।
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पंडित और पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है। साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि केदार हिमालय में है तो आप दिल्ली में कैसे बना सकते हैं।
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