Kanker Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कई निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली करार कर मार डाला गया।
‘ग्रामीणों को धमका रही पुलिस’
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले संदेह जताया और दावा किया कि राज्य में भाजपा शासन के दौरान कई फर्जी मुठभेड़ हुई थीं और यहां तक कि निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली होने के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। बघेल ने कहा कि पुलिस ग्रामीणों को भी धमका रही है। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में कई नक्सली मारे गये या आत्मसमर्पण कर दिए।
‘सरकार को आदिवासियों के गुस्से का करना पड़ेगा सामना’
कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने भी कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मुठभेड़ में मारे गए 29 लोगों में क्या सभी नक्सली थे या कुछ ग्रामीण भी शामिल थे। उन्होंने रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि अगर मुठभेड़ में कोई भी निर्दोष आदिवासी मारा गया होगा, तो सरकार को आदिवासियों के गंभीर गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
‘नक्सलियों का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि 29 नक्सलियों को मार गिराया गया। अगर ये सभी 29 लोग नक्सली थे, तो यह सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। भूपेश बघेल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, और वह जो भी कहते हैं, पूरे विचार के बाद कहते हैं। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि उनके पास अपने स्रोतों से कुछ इनपुट हैं।
‘नक्सल विरोधी अभियानों के नाम पर ग्रामीणों की हत्या’
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई है, हमने कई घटनाएं देखी हैं, जहां नक्सल विरोधी अभियानों के नाम पर ग्रामीणों की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के आरोप कई सवाल खड़े करते हैं। सरकार को इस ऑपरेशन के बारे में सभी सवालों का जवाब देना चाहिए। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सभी 29 केवल नक्सली थे या कुछ ग्रामीण भी मौत में शामिल थे।
‘डरे हुए हैं बस्तर के आदिवासी’
इसके अलावा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, बस्तर के आदिवासी चिंतित और डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासी इलाकों में माताएं-बहनें जंगल जाने में असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सड़कें सुरक्षित नहीं हैं और फर्जी मुठभेड़ बढ़ गई हैं। फर्जी नक्सली के नाम पर उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जब से यह सरकार सत्ता में आई है, बस्तर के आदिवासी कहीं न कहीं चिंतित और डरे हुए हैं। सरकार की मंशा साफ नहीं है।
‘मुठभेड़ की जांच करे सरकार’
दीपक बैज ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा वहां खड़ी रही है जहां सच्चाई है, लेकिन जहां गलत है, उसे गलत कहना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर इस मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो सरकार को जांच कर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों पर किया पलटवार
कांग्रेस के आरोपों को डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनकर दुख हुआ कि भूपेश बघेल ने कल कहा कि मुठभेड़ फर्जी है। इसका क्या मतलब है? जिन सैनिकों को मैंने देखा है, क्या उन्हें झूठ बोलकर घायल किया गया है? जो भी हथियार बरामद हुए हैं, क्या वे नकली हैं?
‘ऑपरेशन में मारे गए सभी कट्टर नक्सली थे’
डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी वर्दीधारी नक्सली मारे गये, क्या यह फर्जी है। अब यह कहना और विषय को फिर से बदलना बहुत गलत है। ऑपरेशन में मारे गए सभी नक्सली कट्टर नक्सली थे। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। उनका पोस्टमार्टम चल रहा है, इसमें समय लग सकता है।
‘बातचीत और चर्चा के लिए तैयार है सरकार’
विजय शर्मा ने कहा कि सरकार बातचीत और चर्चा के लिए तैयार हैं, क्योंकि हम किसी भी कीमत पर बस्तर में शांति चाहते हैं। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। हम चाहते हैं कि विकास कार्य बस्तर तक पहुंचे। कल मैं घायल जवानों से मिला। वे खतरे से बाहर हैं… जल्द ही वे ठीक हो जाएंगे।
मारे गए नक्सलियों में 15 महिलाएं
आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने कहा कि शवों का पोस्टमार्टम जारी है। नक्सली कैडर से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि कल सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जो लगभग 4 घंटे तक चली। डीआरजी और बीएसएफ की टीमों ने इलाके को घेर लिया और परिणामस्वरूप, 29 सीपीआई माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें से 15 महिलाएं और 14 पुरुष थे। नक्सलियों के शवों का पोस्टमार्टम चल रहा है। बता दें कि 29 नक्सलियों का मारा जाना हाल के दिनों में सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियानों में से एक है।