Mussoorie Chhath festival: पहाड़ों की रानी मसूरी में छठ के महापर्व की रौनक दिखाई दी। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा पहली बार मसूरी कृत्रिम घाट का निर्माण कराया गया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में पानी में सूर्यास्त होने तक खड़ी रहकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
मसूरी में स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली बार छठ पूजा को लेकर मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने मसूरी में कृत्रिम घाट बनवाया। इसमें महिलाओं ने पूजा-अर्चना की ओर मनोकामना मांगी।
उन्होंने कहा कि चार दिनों के छठ के महापर्व के तीसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस कठिन व्रत का समापन होता है।
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छठ व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी इस व्रत को करता है छठी मैया उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा मसूरी के सभी धर्मों के त्योहार को धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वह सभी त्योहार पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर लोगों में भाईचारे का संदेश देने का काम करते हैं।
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