चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन व्यवस्था का ट्रैवल कारोबारी लगातार विरोध कर रहे हैं। हरिद्वार में शुक्रवार को ट्रैवल कारोबारी के कई संगठनों ने सांकेतिक रूप से अपने कार्यालयों को बंद रखा और सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया। आक्रोशित ट्रैवल कारोबारियों का कहना है कि सरकार की अव्यवस्था के कारण न सिर्फ दूर-दूर से हरिद्वार पहुंच रहे श्रद्धालुओं को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं, बल्कि टूर एंड ट्रैवल कारोबार को भी भारी घाटा हो रहा है। जून में स्कूलों की छुट्टी हो जाने पर और भी ज्यादा भीड़ चारधाम यात्रा के लिए पहुंचेगी। इसलिए सरकार को रजिस्ट्रेशन व्यवस्था खत्म कर निर्बाध रूप से चारधाम यात्रा चलानी चाहिए। प्रदर्शन कर रहे ट्रैवल कारोबारियों ने चेतावनी दी कि सरकार अगर इस व्यवस्था को खत्म नहीं करती है तो टूर एंड ट्रैवल कारोबारी बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
कारोबरियों में पंजीकरण व्यवस्था को लेकर नाराजगी
चारधाम यात्रा में पंजीकरण को लेकर हो रही समस्या, ट्रैवल कारोबारियों को हो रही परेशानी और पर्यटन व्यवसाय ठप होने आदि समस्याओं को लेकर संयुक्त मोर्चा पर्यटन उद्योग के बैनर तले आज मायादेवी मंदिर पार्किंग में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबरियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर प्रदेश सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सीएम धामी से इस्तीफे की मांग की। पर्यटन कारोबरियों ने उत्तराखंड में पंजीकरण व्यवस्था को तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन करेंगे और चारधाम यात्रा का विरोध करेंगे।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का सरलीकरण करने की मांग
ट्रैवल व्यवसायी अभिषेक अहलूवालिया का कहना है कि हरिद्वार के जितने भी ट्रैवल व्यवसायी हैं, इनकी जितनी भी संस्थाएं हैं, उन सभी ने यहां पर आज यज्ञ किया है। उन्होंने यह यज्ञ सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया, जिससे कि पर्यटन व्यवसाय पर जो मार पड़ रही है और ट्रैवल व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है, उस पर सरकार ध्यान दे। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। कहा कि चारधाम यात्रा बहुत तेजी से चली थी, जो अचानक अवरुद्ध हो गई। इस कारण सारी अव्यवस्थाएं हो गईं हैं। इसको दुरुस्त किया जाए।
‘दो लोगों के लिए दो अलग-अलग नीति क्यों‘
सुमित श्रीकुंज का कहना है कि आज उत्तराखंड सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हरिद्वार के ट्रैवल एसोसिएशन संयुक्त मोर्चा ने मिलकर के एक यज्ञ का आयोजन किया। इसमें सभी ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि की आहुति डाली। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करते आ रहे हैं कि पंजीकरण व्यवस्था रद्द होनी चाहिए। सरकार ने रजिस्ट्रेशन का तुगलकी फरमान जारी किया हुआ है। उन्होंने कहा कि दो लोगों के लिए दो अलग-अलग नीति क्यों? जो 4-5 लाख रुपये का पैकेज लेकर आएगा, उसकी वहां पर एडवांस में बुकिंग है, उसको रजिस्ट्रेशन भी मिलेगा। वहीं, अगर कोई आम आदमा आएगा और वह 10 दिन रुकेगा फिर भी उसका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जल्द पंजीकरण व्यवस्था को बंद नहीं किया गया तो ट्रैवल कारोबारी सड़क से संसद तक आंदोलन करेंगे। साथ ही चारधाम यात्रा का पूर्ण रूप से विरोध करेंगे।
‘चारधाम यात्रा को लेकर पूरे विश्व में गलत मैसेज गया‘
ट्रैवल व्यवसायी गिरीश भाटिया का कहना है कि मुख्य मांग रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समाप्त करने की है। उन्होंने कहा कि सरकार की बुद्धि-शुद्ध करने के लिए यह यज्ञ किया है। कहा कि सरकार रजिस्ट्रेशन खोलने वाली है, लेकिन उससे फायदा क्या होगा। रजिस्ट्रेशन न होने से यहां से यात्री पहले ही जा चुके हैं और होटल रेस्टोरेंट खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर पूरे विश्व में गलत मैसेज गया है। सरकार की नीति का पुरजोर विरोध किया है।
ऑफलाइन पंजीकरण शुरू कराने को लेकर व्यापारियों का प्रदर्शन
चारधाम यात्रा में प्रदेश सरकार द्वारा ऑफलाइन पंजीकरण बंद करने और अनावश्यक रास्ते में बैरियर लगाए जाने से आक्रोशित केदारघाटी होटल एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया। केदारधाम होटल ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार को अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी के नेतृत्व में केदारघाटी के समस्त होटल, लॉज, ढाबा, जीप टैक्सी यूनियन सहित यात्रा पर आश्रित समस्त व्यवसायियों ने सीतापुर, सोनप्रयाग सहित अन्य यात्रा पड़ावों में प्रदर्शन कर जल्द ऑफलाइन पंजीकरण शुरू कराने की मांग की।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश में चल रहे ऑफलाइन पंजीकरण को बंद किया गया है, जिसका खामियाजा चारधाम के व्यवसायियों को भुगतना पड़ रहा है। व्यापार संघ अध्यक्ष सोनप्रयाग अंकित गैरोला ने कहा कि केदारघाटी के सभी व्यवसायियों ने यात्रा में ऑफलाइन पंजीकरण को शुरू करने की मांग की है।