Chardham Yatra 2024 : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है। वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। ऐसे में गुरुवार से बद्री विशाल के कपाट खुलने का शंखनाद हो गया है। यह जानकारी बद्रीनाथ के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने दी।
बद्रीनाथ के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि भगवान बद्री विशाल के वाहन गरुड़ जी जोशीमठ पहुंच चुके हैं और 10 मई को सुबह डोली यात्रा के साथ जोशीमठ से बद्रीनाथ के लिए कूच करेंगे। शुक्रवार को गरुड़ जी जोशीमठ के नृसिंह मंदिर से योग बद्री मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगे और वहीं विश्राम करेंगे। इसके बाद 11 मई को पांडुकेश्वर से उद्धव कुबेर की डोली के साथ तेल कलश यात्रा मुख्य पुजारी रावल जी, गरुड़ जी, शंकराचार्य जी की गद्दी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी।
बता दें, आज ऋषिकेश से यात्रियों का पहला जत्था चारधाम के लिए रवाना हो गया। वहीं, विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे। भगवान के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। टिहरी राजदरबार से तिल के तेल का गाडू घड़ा कर्णप्रयाग के डिम्मर गांव में पूजा-अर्चना के बाद गुरुवार को जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचा, जहां गाडू घड़े की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 10 मई से आरंभ हो रही है। सुबह 7.15 पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। कपाट खुलने से पहले केदारनाथ मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा भी अपने आखिरी पड़ाव गौरीकुंड से निकलकर केदारनाथ धाम पहुंच गई है। मंदिर को सजाने के लिए लगभग 10 टन फूल मंदिर पहुंचे हैं। वहीं, तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचने शुरू हो गए हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों की आवाजाही शुरू हो गई है। गौरीकुंड और सोनप्रयाग से घोड़ों और खच्चरों पर सवार होकर तीर्थयात्री मंदिर तक यात्रा कर रहे हैं, ताकि मंदिर खुलने के अवसर पर बाबा केदार के दर्शन कर सकें।