अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव विहार में हुई जंगल की आग की घटना के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। गढ़वाल के मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार द्वारा गढ़वाल मंडल के सभी डीएफओ से वनकर्मियों के इंश्योरेंस को लेकर जानकारियां ली जा रही हैं। गढ़वाल के मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि इन दिनों जिस तरह से आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, सभी कर्मचारियों को बताया गया है कि वह अपना भी ध्यान रखें। क्योंकि, ढंगारी वाले क्षेत्रों में तेज हवा के साथ आग बढ़ती है। ऐसे में कोई भी कर्मचारी आग की चपेट में न आए, इसको लेकर भी सभी लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
गढ़वाल के मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार ने बताया कि जिस तरह से अल्मोड़ा में वनाग्नि की घटना घटी है, उसको लेकर सभी लोगों में दुख है, लेकिन आने वाले समय में किसी भी वनकर्मी के साथ इस तरह की घटना ना हो, इसको लेकर सभी लोगों को विशेष हिदायत दी गई है।
उन्होंने कहा कि निर्देश दिए गए हैं कि जो अनुभवी लोग हैं, उनको फ्रंट वॉरियर के तौर पर रखा जाए। इसके साथ ही सभी डीएफओ से जानकारी ली जा रही है कि उनके वनकर्मियों का इंश्योरेंस हुआ है या नहीं। यदि डीएफओ ने वनकर्मियों का इंश्योरेंस नहीं करवाया है, वह जल्द करवाकर सूची उपलब्ध करवाएं। वहीं, सहायक वन कर्मचारी संगठन पौडी ने अल्मोड़ा की घटना में दुख व्यक्त किया है।
सहायक वन कर्मचारी संगठन पौडी के जिलाध्यक्ष शिव सिंह रावत ने बताया कि अल्मोड़ा में हुई इस घटना से पूरे संगठन को दुख है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वनाग्नि के दौरान जिस भी वनकर्मी की मौत होती है तो उसके लिए मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये की धनराशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक यह शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि 15 लाख रुपये का जो शासनादेश है, उसे जारी किया जाए, ताकि जो वनकर्मी आग से जलकर शहीद हुए हैं, उनके परिजनों को कुछ आर्थिक सहायता मिल सके।