की अध्यक्षता में मंगलवार को बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों की भोग-प्रसाद व्यवस्था की शुद्धता को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी और मंदिर समिति के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में धामों और मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता व प्रयोग में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, रख-रखाव, क्रय-विक्रय सहित भंडारण के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम के लिए मंदिर समिति द्वारा प्रसाद में सूखे पदार्थों का उपयोग किया जाता है। भगवान के भोग की सामग्री अधिकतर दानी दाताओं से प्राप्त की जाती है। दानी दाताओं से अनुरोध किया जाता है कि भगवान के भोग के लिए उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री दान करें।
अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम सहित सभी अधीनस्थ मंदिरों की भोग-प्रसाद व्यवस्था की शुद्धता व गरिमा बनी रहे, इसके लिए समय-समय पर मंदिरों में लगने वाले भोग एवं प्रसाद की गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी।
बैठक में चर्चा पश्चात निर्णय हुआ कि भोग-प्रसाद में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री के भंडारण के लिए मानक निर्धारित किए जाएंगे। मसाले, तेल, घी आदि को क्रय करते समय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) लाइसेंस, एगमार्क (कृषक प्रतीक) आदि संस्थाओं के प्रमाण, लोगो आदि के प्रमाणिकता की जांच में और अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
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उपायुक्त खाद्य संरक्षा तथा औषधि प्रशासन जीसी कंडवाल ने कहा कि भोग-प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान एवं क्रय करने के लिए एसओपी तैयार कर बीकेटीसी को दे दी गई है। आपूर्तिकर्ता के खाद्य लाइसेंस की अद्यतन स्थिति, वैधता आदि की प्रमाणिकता की जांच की जाएगी। उक्त खाद्य सामग्री के निर्माता, निर्माण एवं समाप्ति तिथि, प्रयोग में लाई जाने की अवधि व भंडारण के लिए उल्लिखित दिशा निर्देशन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
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