Almora Bus Accident: उत्तराखंड में दीपावली का त्योहार समाप्त होते ही लोगों की खुशियां मातम में बदल गईं। पौड़ी जनपद के धुमाकोट तहसील से एक बस सवारियों को लेकर सोमवार सुबह रामनगर अल्मोड़ा जा रही थी, जोकि रास्ते में सड़क से नीचे जा गिरी। इसमें 36 लोगों की मौत और 27 लोग घायल हुए हैं। इससे जुड़ी घटना साल 2018 में धुमाकोट में हुई थी। इसमें 48 लोगों की मौत हुई थी और 13 लोग घायल हो गए थे।
सड़क हादसों में कहीं न कहीं सड़कों की बेहतर हालत न होना, बसों में क्षमता से अधिक सवारी का बैठना ऐसे तमाम कारण हैं, जिससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क हादसे हो रहे हैं। इस घटना में पौड़ी जिले और अल्मोड़ा जिले के लोगों की मौत हुई है। इस घटना पर सभी लोगों ने अपनी संवेदना भी व्यक्त की है, लेकिन सवाल यही खड़ा होता है कि आखिर कब तक इस तरह की सड़क दुर्घटनाएं होती रहेंगी और लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे।
आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि जो बस तहसील धुमाकोट से रामनगर अल्मोड़ा के लिए निकली थी, उसके सभी दस्तावेज सही हैं। उसकी फिटनेस सही समय पर हुई थी और उसका जो परमिट है वह साल 2025 तक वैध है। वहीं, विकास चौहान सदस्य संभागीय परिवहन प्राधिकरण उत्तराखंड ने बताया कि देखा जा रहा है कि बसों में क्षमता से अधिक सवारियों के बैठने से सड़क हादसे हो रहे हैं, जोकि दुखद है।
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उन्होंने बताया कि लगातार कोशिश की जाती है कि सड़क हादसों को किस तरह से रोका जा सके। पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी दूरस्थ क्षेत्रों में वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी बैठाते हैं। ऐसे में इन इलाकों में यदि वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था हो तो सड़क हादसों में काफी हद तक अंकुश लग सकता है।
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