Char Dham Yatra 2023 SOP: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। श्रद्धालुओं में रजिस्ट्रेशन को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। उत्तराखंड के अलावा, अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु चार धाम यात्रा करने के लिए आते हैं। ऐसे में उन्हें कोई असुविधा न हो, इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी तैयार कर बाहरी राज्यों को भेज दी गई है। यह एसओपी हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तमिल और तेलुगु समेत 11 भाषाओं में तैयार की गई है।
श्रद्धालुओं को दिए गए स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश
एसओपी के जरिए चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें यात्रा में किसी तरह की असुविधा न हो और उनकी यात्रा सुरक्षित और सुगम रहे। यात्रा करते समय ऑक्सीजन की कमी और हवा के कम दबाव से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए एसओपी में यात्रियों को कम से कम 7 दिन की चार धाम यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी गई है।
पैदल चढ़ाई करते समय 10 मिनट करें आराम
एसओपी में कहा गया है कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ाई के समय एक से दो घंटे के बाद 5 से 10 मिनट तक आराम जरूर करें। इसके साथ ही, गरम कपड़े, रेनकोट, छाता, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर को भी साथ रखें। वहीं, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अस्थमा से ग्रसित यात्रियों को जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखने के लिए कहा गया है।
11 भाषाओं में एसओपी जारी
स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने बताया कि एसओपी हिंदी-अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं में जारी की गई है। इसे बाहरी राज्यों को भेज दिया गया है। इससे इन राज्यों से आने वाले श्रद्धालु स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कर सकेंगे।
कब खुलेंगे चार धाम के कपाट?
चार धाम यात्रा में श्रद्धालु गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ का दर्शन करते हैं। सभी समुद्र तट से 2700 से अधिक मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर खुलेंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे।