Guldars Medical Examination : श्रीनगर गढ़वाल में गुलदारों के आतंक से प्रभावित क्षेत्र से दो गुलदारों के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग ने उनका मेडिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। इस गहन परीक्षण से पता चलेगा कि वे गुलदार आदमखोर हैं या नहीं। वन विभाग द्वारा श्रीनगर के गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में 11 पिंजरे लगाए गए हैं। साथ ही 20 कैमरा ट्रैप्स लगे हैं। दो ट्रैंक्वलाइजर दल क्षेत्र में सक्रिय हैं, ताकि गुलदार को देखते ही ट्रैंक्वलाइज किया जा सके।
गढवाल वृत्त वन संरक्षक आकाश वर्मा का कहना है कि यह तो तात्कालिक समाधान के कार्य हैं। वैसे यह भी परीक्षण किया जा रहा है कि जो गुलदार पकड़े गए हैं, वे नरभक्षी हैं या नहीं। उनके नरभक्षी होने के क्या कारण होंगे, इसकी भी जांच इस परीक्षण में की जाएगी। पकड़े गए गुलदारों के परीक्षण को लेकर आकाश वर्मा का कहना है कि इन गुलदारों के खून के नमूने लेकर इनके वायो केमिकल पैरामीटर की जांच की जा रही है। इन परीक्षणों के साथ-साथ यह भी देखा जा रहा है कि मानव व्यवहार, सामाजिक व्यवहार, वन्य जीवों के मिजाज के साथ ही और क्या कारण होंगे, जो मानव बस्तियों की ओर वन्य जीवों की आवाजाही बढ़ रही है। इस बारे में विविधतापूर्ण अध्ययन किए जा रहे हैं।
बता दें, कुछ दिनों पहले श्रीनगर गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर स्थित बॉयज हॉस्टल के पास एक घर के आंगन से गुलदार मां के सामने ही ढाई साल के बच्चे को रात में उठा कर ले गया था। बच्चे का शव घर से करीब 50 मी दूरी पर झाड़ियों में मिला था। गुलदार बच्चे को घर के आंगन से मुंह में दबाकर उठा ले गया था। रात भर पुलिस और वन विभाग ने सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन बच्चे का कोई पता नहीं चल सका था। श्रीनगर में पिछले 6 माह में गुलदार 4 बच्चों पर हमला कर चुका है। इससे पूर्व भी एक बच्ची को गुलदार कोमा में पहुंचा चुका है।
मसूरी के बर्लोगंज क्षेत्र के एक निजी स्कूल परिसर में भी कुछ दिनों पहले एक गुलदार को चहलकदमी करते हुए देखा गया था। उसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। स्कूल परिसर में गुलदार देखे जाने पर स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी थी, जिसके बाद वन विभाग की टीम डीएफओ मसूरी अमित कंवर के निर्देश पर मौके पर पहुंची थी। वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने के लिए स्कूल परिसर में पिंजरे लगाए थे। यही नहीं टीम ने स्कूल के आसपास के क्षेत्र में अलर्ट भी जारी कर दिया था। वहीं, स्कूल प्रबंधन को रात के समय छात्र-छात्राओं और स्टाफ को बाहर न निकलने की हिदायत दी गई थी।