Pune Porsche Car Crash Case: पुणे पोर्श कार क्रैश मामले में क्राइम ब्रांच ने 2 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इन पर ब्लड सैंपल्स में हेराफेरी करने का आरोप है। दोनों डॉक्टर सैसन अस्पताल (Sasson Hospital) में काम करते हैं। बता दें कि पुणे में पोर्श कार की टक्कर से बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया है। आरोपी को 19 मई के दिन मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था। यहां उसकी ब्लड रिपोर्ट शराब न पीने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट से बदल दी गई।
25 मई को आरोपी का दादा गिरफ्तार
इससे पहले, पुणे क्राइम ब्रांच की यूनिट ने 25 मई की सुबह नाबालिग आरोपी के दादा को गिरफ्तार था। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि उनके खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 365 और 368 के तहत एक अलग प्राथमिकी दर्ज की है।
यह भी पढ़ें:
पुणे पोर्श कांड : विशाल अग्रवाल का बड़ा बेटा भी कर चुका है एक्सीडेंट
ड्राइवर ने पुलिस से की शिकायत
ड्राइवर गंगाधार ने पुलिस में शिकायत की थी कि जब वह यरवदा पुलिस स्टेशन से निकल रहा था तो उसे जबरन पकड़कर आरोपी के दादा के घर ले जाया गया था। यहां आरोपी के दादा और पिता ने उसे धमकी दी, उसके फोन छीन लिए और उसे बंगले में कैद कर लिया। उस पर दबाव बनाया गया कि वह घटना की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ले।
मध्य प्रदेश के दो आईटी पेशेवरों की मौत
बता दें कि नाबालिग आरोपी ने अपनी पोर्श कार से दो आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। यह हादसा 19 मई को हुआ। इसमें मध्य प्रदेश के अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की मौत हो गई। आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर निगरानी गृह में रखा गया है। उसे पहले इस मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में उसे 5 जून तक 14 दिनों के लिए निगरानी गृह भेज दिया गया।
यरवदा सेंट्रल जेल में बंद है आरोपी का पिता
आरोपी का पिता गिरफ्तार होने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में यरवदा सेंट्रल जेल में बंद है। पीड़ित के दोस्तों और सहकर्मियों ने रविवार को पीएमसी के सामने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
यह भी पढ़ें:
चंद पेग के लिए उड़ाए 69000 रुपये, जानें हिट एंड रन केस की Inside Story