Suresh Gopi: लोकसभा चुनाव 2024 में केरल में पहली बार कमल खिलाने वाले सुरेश गोपी (Suresh Gopi) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा इनाम दिया है। गोपी को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान गोपी ने मतदाताओं से वादा किया था कि अगर वे चुनाव जीतते हैं और भाजपा सत्ता में आती है, तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। शायद ये भी एक वजह रही होगी कि भाजपा ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी।
Suresh Gopi ने 250 से ज्यादा फिल्मों में किया अभिनय
अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी 250 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में उनकी अपनी एक अलग पहचान है। साल 2016 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया। गोपी को साल 2019 लोकसभा चुनाव में त्रिशूर से हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा, उन्हें 2021 के विधानसभा चुनाव में भी हार झेलनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद वे अपने इलाके में डटे रहे।
2015 में राज्यसभा सदस्य बने Suresh Gopi
साल 2016 में गोपी को राष्ट्रपति ने राज्यसभा सदस्य नामित किया था। पिछले आठ सालों में उन्होंने राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ाने में खासी मदद की है और पहली बार केरल में ‘कमल’ खिलाया। त्रिशूर में उन्होंने अपने चुनावी अभियानों में खुलकर इस बात का प्रचार किया था कि अगर वे और भाजपा जीतते हैं, तो उनका मंत्री बनना तय है। त्रिशूर में जगह-जगह दीवारों पर अब भी यह लिखा दिख जाएगा कि त्रिशूर के लिए एक कैबिनेट मंत्री, मोदी की गारंटी।
केरल में बढ़ा बीजेपी को वोट शेयर
सुरेश गोपी ने चुनाव जीतने के बाद यह कहना शुरू कर दिया था कि वे मंत्री नहीं बनना चाहते, बल्कि केरल और तमिलनाडु के लोगों के लिए एक ऐसे प्रतिनिधि के तौर पर काम करना चाहते हैं, जिसकी सभी मंत्रालयों में सुनवाई हो। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी के नेता से पहले राज्य की जनता के प्रतिनिधि हैं। गोपी का यह पहला चुनाव नहीं है, 2019 में भी वे त्रिशूर से चुनाव लड़े थे, लेकिन तीसरे स्थान पर रहे थे। तब कांग्रेस के टीपी प्रथपन ने चुनाव जीता था। हालांकि, 2014 में केरल में भाजपा का वोट शेयर 11.15 फीसदी था, जो 2019 में बढ़कर 28.2 फीसदी हो गया।
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लगातार तीन बार हारे, फिर भी धर्मार्थ गतिविधियों में जुटे रहे
सुरेश गोपी तीन बार लगातार हार के बाद भी अपने क्षेत्र में टिके रहे और राज्यसभा सदस्य के तौर पर सांसद कोटे से धर्मार्थ गतिविधियों में जुटे रहे। इसके अलावा सांसद कोटे से कई विकास परियोजनाओं को अंजाम दिया। 2023 में सीपीएम के खिलाफ उन्होंने को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले को लेकर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को घेरा।
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