Badrinath: विधि-विधान और वेद मंत्रोच्चारण के साथ शनिवार को देश के प्रथम गांव माणा में बदरीनाथ के क्षेत्रपाल घंटाकर्ण मंदिर के कपाट विधि-विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस दौरान भोटिया जनजाति की महिलाओं ने जय माणा घन्याल के जयकारे लगाए। श्रद्धालुओं ने पारंपरिक झुमैलो, चांचड़ी नृत्य व भजनों की प्रस्तुतियां दी। कपाट खोलने के दौरान ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में बाहर से आए श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
माणा गांव में घंटाकर्ण मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह नौ बजे शुरू हुई। सबसे पहले भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई, उसके बाद अन्य धार्मिक पूजाएं संपन्न हुई। घंटाकर्ण के अवतारी पुरुष, पुजारी व ग्रामीण माणा गांव के पास स्थित व्यास गुफा के निकट घंटाकर्ण घन्याल के शीतकालीन प्रवास के मंदिर पहुंचे।
पूजा-अर्चना के बाद घंटाकर्ण की प्रतिमा को समारोह पूर्वक माणा गांव में स्थित मुख्य मंदिर में लाया गया। यहां विधि विधान के साथ मूर्ति को मंदिर में विराजमान कर दिया गया। इसके साथ ही इस सीजन के लिए घंटाकर्ण मंदिर के कपाट खोल दिए गए। इस दैरान भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।