Kedarnath Dham 2024 : केदारनाथ धाम में भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए लोक निर्माण विभाग पैदल मार्गों सहित यात्रा रूटों पर परी निगरानी रख रहा है। साथ ही बर्फ और पैदल रास्तों को सुव्यवस्थित कर रहा है। अधिशासी अभियंता लोनिवि गुप्तकाशी विनय झिंक्वाण ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए विभाग निरंतर कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग के ग्लेशियर प्वाइंट पर बर्फ में दबे व फंसे बड़े-बड़े बोल्डर जो बर्फ पिघलने के कारण यात्रा मार्ग की ओर खिसक रहे हैं, उनको रात के समय श्रमिकों द्वारा हटाया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि यात्रा मार्ग पर कोई अप्रिय घटना घटित न हो और यात्रा भी निरंतर सुचारू रूप से संचालित होती रहे।
केदारनाथ यात्रा मार्ग के संवेदनशील क्षेत्रों में जिन स्थानों पर रेलिंग क्षतिग्रस्त हो रही है, वहां यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत रेलिंग की तुरंत मरम्मत की जा रही है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर भारी वर्षा के कारण यात्रा मार्ग के जिन स्थानों पर मलबा आ रहा है या मलबे के कारण मार्ग संकरा हो रहा है, ऐसे स्थानों पर भी तत्परता से कार्य किया जा रहा है। साथ ही यात्रा मार्ग पर जाम की स्थिति न हो, इसके लिए ऐसे स्थानों पर मलबा हटाया जा रहा है और मार्ग को चौड़ा किया जा रहा है। सुगम, सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित यात्रा संचालित कराने के लिए लोनिवि गुप्तकाशी के 55 श्रमिकों द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है।
चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन करने के लिए हेलीकॉप्टर से कई असहाय श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। केदारनाथ हेलीपैड से मंदिर परिसर की दूरी करीब 700 मीटर है। यह दूरी पार करना असहाय श्रद्धालुओं के लिए मुश्किल हो जाता है।ऐसे लोगों के लिए केदारनाथ धाम में मंदिर परिसर तक लाने के लिए महिंद्रा थार की सुविधा दी जा रही है। उत्तराखंड सरकार की ओर से यह सुविधा बहाल की गई है। इसके लिए महिंदा थार को चिनूक हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचाया गया है।