Reetika Hooda: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की महिला रेसलर को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उनका ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का उनका सपना भी टूट गया। इसकी वजह कुश्ती का एक नियम रहा। वह नियम क्या है, आइए जानते हैं…
21 साल की हैं रीतिका हुड्डा
रीतिका हुड्डा इस समय महज 21 साल की हैं। वह अपना पहला ओलंपिक खेल रही हैं। उनका महिला कुश्ती के 76 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में किगिस्तान की अयापेरी किजी के खिलाफ मुकाबला था, जो 1-1 से बराबरी पर छूटा। इसके बावजूद भी रीतिका को हार का सामना करना पड़ा। नियमों के मुताबिक, आखिरी अंक गंवाने के कारण रीतिका यह मुकाबला हार गईं।
क्या कहता है कुश्ती का नियम?
दरअसल, नियमों के मुताबिक, अगर दो खिलाड़ियों के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटता है तो इसमें उस खिलाड़ी की जीत होगी, जिसने आखिरी अंक अपने नाम किया होगा। चूंकि किर्गिस्तान की पहलवान ने आखिरी अंक अपने नाम किया था, इसलिए उसे विजेता घोषित किया गया।
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रीतिका के पास अब भी कांस्य पदक जीतने का मौका
रीतिका हुड्डा के पास अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है। यह मौका तब आएगा, जब किर्गिस्तान की पहलवान फाइनल में पहुंचेंगी। रीतिका के पास तब रेपेचेज से ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने का मौका होगा।
रीतिका के नाम दर्ज है खास रिकॉर्ड
रीतिका के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज है। वह 76 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। रीतिका ने प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की बर्नाडेट नैगी को 12-2 से हराकर जीत दर्ज की थी
रीतिका हुड्डा कौन हैं?
रीतिका का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के खड़कड़ा गांव में हुआ। वह भारतीय नौसेना में अफसर हैं। उन्होंने 2022 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 72 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक, 2023 में तिराना में अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और 2024 में एशियन चैंपियनशिप में 72 किग्रा भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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